logo-image

दिल्ली चुनाव में AAP आरक्षित सीटों पर आगे, यहां भी BJP दे रही कड़ी टक्कर

आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Results 2020) में कम से कम छह आरक्षित सीटों पर आगे है, जबकि भाजपा अन्य आधा दर्जन सीटों पर आगे है.

Updated on: 11 Feb 2020, 12:11 PM

highlights

  • आप कम से कम छह आरक्षित सीटों पर आगे हैं.
  • बीजेपी भी इन सीटों पर दे रही कांटों की टक्कर.
  • आप को 50 और भाजपा 40.2 प्रतिशत वोट मिले.

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Results 2020) में कम से कम छह आरक्षित सीटों पर आगे है, जबकि भाजपा अन्य आधा दर्जन सीटों पर आगे है. मंगोलपुरी सीट से आप की राखी बिरला (Rakhi Birla) अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से आगे हैं. बाहरी दिल्ली में पड़ने वाले बवाना में भाजपा बढ़त बनाए हुए है. भाजपा (BJP) गोकलपुरी से भी आगे चल रही है, जहां पार्टी के उम्मीदवार रंजीत सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से आगे चल रहे हैं. देवली में, आप के प्रकाश जरवाल भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से आगे चल रहे हैं. अंबेडकर नगर से, वर्तमान विधायक आप के अजय दत्त बढ़त बनाए हुए हैं. पटेल नगर और सीमापुरी आरक्षित सीटों पर आप के उम्मीदवार अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों से आगे चल रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली चुनाव रुझानों से हुआ साफ, लोकसभा चुनाव '2024: केजरीवाल बनाम मोदी'

आप को 50 से ज्यादा और भाजपा को 40.2 प्रतिशत वोट
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार आप को 50 प्रतिशत से ज्यादा और भाजपा को 40.2 प्रतिशत वोट मिले हैं. वहीं 2013 से पहले, 15 वर्षो तक शासन करने वाली कांग्रेस को केवल 4.43 प्रतिशत मत मिले हैं, जोकि 2015 में मिले उसे वोट प्रतिशत की आधी है. आप राज्य में आसानी से जीत की ओर अग्रसर है. 70 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना जारी है. मतगणना शुरू होते ही प्रारंभिक रुझानों में ही आम आदमी पार्टी ने बहुमत का आंकड़ा आसानी से पार कर लिया. बीजेपी भी पिछले चुनाव के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रही है, लेकिन कांग्रेस फिर से हार का नया रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर दिख रही है.

यह भी पढ़ेंः शाहीन बाग ध्रुवीकरण बीजेपी के काम आया, लड़ाई से बाहर लग रही बीजेपी बनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी

बीजेपी नहीं मानती एक्जिट पोल को अंतिम
भाजपा नेताओं की ओर से आखिर एग्जिट पोल को गलत क्यों ठहराया जा रहा है, इस आत्मविश्वास के पीछे की वजह क्या है? पार्टी सूत्रों का कहना है कि एग्जिट पोल अंतिम नतीजे नहीं होते. देश में हुए कई चुनावों के दौरान एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं. भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगर एग्जिट पोल हमेशा सच होते तो फिर पंजाब में क्यों नहीं हुए, जहां आम आदमी पार्टी की सरकार बनने की भविष्यवाणी की गई थी. बिहार में भी एग्जिट पोल के दावे के मुताबिक भाजपा नहीं जीत सकी थी.

यह भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर: सुरक्षाबलों को फिर मिली बड़ी कामयाबी, 3 आतंकी ढेर

ये भी हैं उत्साह की वजहें
भाजपा प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि नुक्कड़ सभाओं के जरिए भाजपा गली से लेकर मुहल्ले के मतदाताओं से संवाद करने में सफल रही. दिल्ली का कोई ऐसा वार्ड नहीं था, जहां भाजपा के बड़े नेताओं ने सभाएं नहीं कीं. टीवी चैनलों ने एग्जिट पोल के आंकड़े चुनने के लिए शाम छह बजे तक यानी मतदान खत्म होने का इंतजार नहीं किया, बल्कि दो से लेकर तीन बजे तक के आंकड़ों के आधार पर एक्जिट पोल शाम को जारी किया, जिस कारण एग्जिट पोल से सही तस्वीर सामने नहीं आ सकी है.