West Bengal Election 2021: जानें हावड़ा विधानसभा सीट के बारे में सबकुछ
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी भी अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए डटकर विपक्षी पार्टियों का मुकाबला कर रही है. बंगाल में 'जीत का रसगुल्ला' किसे मिलेगा ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा. लेकिन इससे पहले हम आज हावड़ा विधानसभा सीट के बारे में जानेंगे.
हावड़ा:
साल 2021 पश्चिम बंगाल के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस साल बंगाल में 294 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने है, जिसका बिगुल अभी से बज चुका है. भारतीय जनता पार्टी (BJP)ने ममता के 'गढ़' में सेंध लगाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. अमित शाह समेत बीजेपी के कई नेता अब तक बंगाल में रैलियां कर चुकी है. वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी भी अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए डटकर विपक्षी पार्टियों का मुकाबला कर रही है. बंगाल में 'जीत का रसगुल्ला' किसे मिलेगा ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा. लेकिन इससे पहले हम आज हावड़ा विधानसभा सीट के बारे में जानेंगे.
बंगाल में बीजेपी की बढ़ती पहुंच
2011 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने तीन दशक से पश्चिम बंगाल की सत्ता में काबिज लेफ्ट का सफाया कर दिया था. वहीं साल 2016 के विधानसभा चुनाव में भी कुछ खास असर नहीं पाने वाली बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 42 में से 18 सीटें जीतकर सबको हैरान कर दिया था. वहीं ममता बनर्जी की टीएमसी को बीजेपी से सिर्फ चार ज्यादा यानी 22 सीट मिलीं थी.
हावड़ा की खासियत
भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का एक औद्योगिक शहर, पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर और हावड़ा जिला एवं हावड़ सदर का मुख्यालय है. हुगली नदी के दाहिने तट पर स्थित, यह शहर कलकत्ता, के जुड़वा के रूप में जाना जाता है. किसी जमाने में भारत की अंग्रेज़ी सरकार की राजधानी और भारत एवं विश्व के सबसे प्रभावशाली और धनी नगरों में से एक हुआ करता था. रवीन्द्र सेतु, विवेकानन्द सेतु, निवेदिता सेतु एवं विद्यासागर सेतु इसे हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित पश्चिम बंगाल की राजधानी, कोलकाता से जोड़ते हैं.
पश्चिम बंगाल में सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन है. हावड़ा स्टेशन पूर्व रेलवे और दक्षिणपूर्व रेलवे का मुख्यालय है. राष्ट्रीय राजमार्ग 2 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग 6 इसे दिल्ली और मुंबई से जोड़ते हैं. हावड़ा नगर के अंतर्गत सिबपुर, घुसुरी, लिलुआ, सलखिया और रामकृष्णपुर उपनगर सम्मिलित हैं.
पिछले चुनाव में टीएमसी को मिली थीं 294 में से 211 सीटें
पिछले दो बार से विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने शानदार प्रदर्शन किया. पिछले चुनाव में ममता की पार्टी टीएमसी ने सबसे ज्यादा 211 सीटें जीतकर राज्य में बहुमत हासिल किया था और सरकार बनाई थी. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 44 सीटें, लेफ्ट को 26 सीटें और बीजेपी को मात्र तीन सीटें हासिल हुई थीं. वहीं अन्य ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. 294 सीटों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में बहुमत के लिए 148 सीटों की जरूरत होती है.
इस बार चुनाव 'टीएमसी बनाम बीजेपी'
पश्चिम बंगाल में इस बार का विधानसभा चुनाव बीजेपी बनाम टीएमसी होता दिखाई पड़ रहा है. तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. ममता बनर्जी राज्य में सरकार बनाने की हैट्रिक लगाने के लिए जमकर पसीना बहा रही हैं तो बीजेपी ने भी पूरी ताकत चुनाव में झोंक दी है. पिछले चुनाव में महज तीन सीटों पर जीत दर्ज करने वाली बीजेपी से इस बार लोगों को काफी उम्मीदें हैं. दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था. इसी के आधार पर बीजेपी ने बंगाल के विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतने की बात कहकर हलचल मचा दी है.
बंगाल में बीजेपी की बढ़ती पहुंच
2011 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने तीन दशक से पश्चिम बंगाल की सत्ता में काबिज लेफ्ट का सफाया कर दिया था. वहीं साल 2016 के विधानसभा चुनाव में भी कुछ खास असर नहीं पाने वाली बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 42 में से 18 सीटें जीतकर सबको हैरान कर दिया था. वहीं ममता बनर्जी की टीएमसी को बीजेपी से सिर्फ चार ज्यादा यानी 22 सीट मिलीं थी.
पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में होंगे चुनाव
पश्चिम बंगाल में 8 अलग अलग चरणों में चुनाव होंगे. बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटें हैं. यह राज्य भले ही बहुत बड़ा न हो, लेकिन यहां की कानून व्यवस्था और राजनीतिक हिंसाओं के मद्देनजर यहां 8 चरणों में चुनाव कराया जाएगा.
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