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हावड़ा मध्य विधानसभा सीट पर क्या है जनता मूड, जानें पूरा हाल

2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से अरूप रॉय ने जेडीयू के अमिताभ दत्ता को 52,994 वोटों के भारी अंतर से करारी शिकस्त दी थी. हावड़ा मध्य विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है.

Updated on: 30 Jan 2021, 09:35 AM

नई दिल्ली :

हावड़ा मध्य विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में आती है. साल 2016 में हावड़ा मध्य विधानसभा सीट पर कुल 72 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से अरूप रॉय ने जेडीयू के अमिताभ दत्ता को 52,994 वोटों के भारी अंतर से करारी शिकस्त दी थी. हावड़ा मध्य विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है. यह विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल में हावड़ा के अंतर्गत आती है. इस विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक टीएमसी के अरूप रॉय जीतकर पश्चिम बंगाल की विधानसभा में पहुंचे हैं. 

आपको बता दें कि साल 2016 में हुए हावड़ा मध्य विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में कुल दो लाख पैंतालिस हजार एक सौ इकसठ (245161) मतदाता थे. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में हावड़ा मध्य विधानसभा सीट से कुल एक लाख छिहत्तर हजार सैंतालिस हत्तर (176047) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. पश्चिम बंगाल की इस विधानसभा सीट पर 53.34 फीसदी पुरुष मतदाता हैं, जबकि 46.66 फीसदी महिला मतदाता हैं.   

हावड़ा मध्य विधानसभा सीट मौजूदा समय सत्तारूढ़ दल टीएमसी के हाथों में है. अरूप रॉय ने पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए हावड़ा मध्य विधानसभा सीट से अपने निकटम प्रतिद्वंदी जनता दल (यूनाइटेड) अमिताभ दत्ता को 52,994 वोटों के भारी अंतर से करारी शिकस्त दी थी. वहीं इस चुनाव में तीसरे नंबर पर बीजेपी के प्रत्याशी संजय सिंह 35,691 वोटों के साथ रहे.

साल 2016 में ऐसी रही वोटिंग
हावड़ा मध्य विधानसभा सीट पर साल 2016 में में कुल 72 फीसदी मतदान हुआ था. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से अरूप रॉय ने जनता दल (यूनाइटेड) अमिताभ दत्ता को 52,994 वोटों के भारी अंतर से करारी शिकस्त दी थी. हावड़ा मध्य विधानसभा सीट हावड़ा जिले के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के प्रसून बनर्जी सांसद हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के रंतिदेव सेन गुप्ता को 103695 से हराया था.

बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है, मुकुल रॉय, शुभेन्दु अधिकारी सहित टीएमसी के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इस लिहाज से अब जनता ही पश्चिम बंगाल की सियासत का परिणाम बताएगी.