पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है. सियासी दल रणनीति बनाने में लगे हुए हैं. इस बार बंगाल में चुनावी मुकाबला तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच माना जा रहा है. बीजेपी और टीएमसी में जमकर सियासी तीर चलाए जा रहे हैं. नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा की हर एक सीट पर सियासी दर और प्रत्याशी जीतने का दांव चल रहे हैं. वहीं, हेमतबाड़ विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां साल 2016 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) ने जीत दर्ज की थी. इस बार हेमतबाड़ विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है.
हेमतबाड़ विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में आती है. साल 2016 में हेमतबाड़ में कुल 85 प्रतिशत वोट पड़े. साल 2016 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) से देबेंद्र नाथ रॉय ने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सबिता क्षत्रिय को 13136 वोटों के मार्जिन से हराया था.
बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है, मुकुल रॉय, शुभेन्दु अधिकारी सहित टीएमसी के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इस लिहाज से अब जनता ही पश्चिम बंगाल की सियासत का परिणाम बताएगी.
बता दें, साल 2021 के सियासी रण का ऐलान हो चुका है. इस बार के सबसे ज्यादा चर्चित राज्य पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में चुनाव पूरे किए जाएंगे. 294 सीटों पर जनता राज्य की सत्ता के लिए पहला मतदान 27 मार्च को होगा. वहीं, अंतिम चरण 29 अप्रैल को होगा. खास बात है कि मतगणना 2 मई को होगी. फांसीदेवा में मतदान 17 अप्रैल को होंगे. जबकि मतगणना 2 मई को होगी.
Source : News Nation Bureau