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झारखंड में आज से हेमंत 'राज', सोरेन दूसरी बार बने मुख्यमंत्री

झारखंड में एक बार फिर से हेमंत 'राज' शुरू हो गया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं.

Updated on: 29 Dec 2019, 03:03 PM

रांची:

झारखंड में एक बार फिर से हेमंत 'राज' शुरू हो गया है. राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित समारोह में आज हेमंत सोरेन ने झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. सूबे की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने सोरेन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं. इससे पहले 2013 में भी कांग्रेस गठबंधन की सरकार में वो मुख्यमंत्री रहे थे. इसके अलावा तीन विधायकों ने भी आज मंत्री पद की शपथ ली. आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव और सत्यानंद भोक्ता इस नई सरकार में मंत्री बन गए हैं.

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राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम को मंत्री पद की शपथ दिलाई. आलमगीर इस बार पाकुड़ सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. वो झारखंड विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं. इसके अलावा कांग्रेस विधायक और प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने भी मंत्री पद की शपथ ली. उरांव ने इस बार लोहरदगा सीट से विधानसभा का चुनाव जीता है. वहीं झारखंड के आरजेडी के एकलौते विधायक सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली. उन्होंने चतरा विधानसभा सीट से चुनाव जीता.

हेमंत सोरेन के इस शपथ ग्रहण समारोह में देशभर से कई दिग्गज नेता पहुंचे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भपेश बघेल, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, शरद यादव और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह इस कार्यक्रम में शामिल हुए. हालांकि सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे.

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गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, झामुमो और आरजेडी के गठबंधन को बहुमत प्राप्त हुआ है. 81 सीटों वाली विधानसभा में गठबंधन ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की. हेमंत सोरेन को बाबूलाल मरांडी की 3 विधायकों वाली पार्टी झाविमो और एक विधायक वाले भाकपा-(मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी) का भी समर्थन है. राज्य में सरकार बनाने वाले गठबंधन को पहली बार 50 से ज्यादा विधायकों का समर्थन मिला है.