झारखंड चुनाव (Jharkhand Election) में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला है. विधानसभा चुनाव में गठबंधन ने 81 में 47 सीटों जीत दर्ज की है. हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष चुने गए हैं. वह आज रात आठ बजे राज्यपाल से मिलकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. जानकारी के अनुसार, हेमंत सोरेन 27 दिसंबर को सीएम पद की शपथ लेंगे.
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झारखंड मुक्ति मोर्चा के नवनिर्वाचित विधायकों ने सर्वसम्मति से पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को मंगलवार को विधायक दल का नेता चुन लिया. झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन के घर पर आज नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में हेमंत सोरेन को सभी 28 विधायकों ने सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना. इसकी जानकारी देते हुए झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि अब शाम सात बजे सभी गठबंधन सहयोगियों की बैठक शिबू सोरेन के आवास पर ही होगी. इसमें हेमंत सोरेन को गठबंधन दल का नेता चुना जाना है.
सूत्रों के अनुसार, शपथ ग्रहण में जेएमएम के 6, कांग्रेस के 5 और आरजेडी के कोटे से एक मंत्री शपथ लेगा. यानी हेमंत सोरेन के साथ 12 मंत्री शपथ लेंगे. स्पीकर और उपमुख्यमंत्री का पद कांग्रेस के खाते में जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण समारोह मोरबड़ी ग्राउंड में आयोजित किया जा सकता है.
झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है. इस चुनाव में बीजेपी को 12 सीटों का नुकसान हुआ है. पिछले चुनाव में जहां बीजेपी ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी, वहीं इस बार उसे सिर्फ 25 सीटों पर ही जीत मिली है. जानकारी के अनुसार, बीजेपी को सबसे अधिक नुकसान उसकी सहयोगी आजसू से हुआ है. आजसू पिछली विधानसभा में सिर्फ आठ सीटें लड़कर पांच सीटों पर जीती थीं, जबकि इस बार 53 सीटें लड़कर महज दो सीटें जीत पाईं.
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भाजपा के हार में सबसे बड़ी वजह उसका गठबंधन न होना ही बताया जा रहा है. दरअसल, महतो जाति ओबीसी कुर्मी जाति की उपजाति है. बिहार और झारखंड में महतो की काफी अच्छी खासी आबादी है. आजसू के साथ गठबंधन न होने से भाजपा को महतो वोटबैंक का घाटा उठाना पड़ा. वहीं, बिहार में जेडीयू और बीजेपी गठबंधन में हैं, लेकिन झारखंड में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा जिसका घाटा दोनों को उठाना पड़ा.
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