Gujarat Assembly Election: गोधरा सीट पर किसका दबदबा, क्या AIMIM ने बदला चुनावी समीकरण?   

2002 में हुए दंगों के बाद से गोधरा के राजनीतिक हालात में बदलाव आया है. खासतौर पर शहरी इलाकों में लोग धर्म के मुद्दे को अधिक महत्व दे रहे हैं. यूं तो 2002 के दंगों के बाद गोधरा में 4 बार विधानसभा का चुनाव हो चुका है.

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Mohit Saxena
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Gujarat Assembly Election 2022( Photo Credit : ani)

2002 में हुए दंगों के बाद से गोधरा के राजनीतिक हालात में बदलाव आया है. खासतौर पर शहरी इलाकों में लोग धर्म के मुद्दे को अधिक महत्व दे रहे हैं. यूं तो 2002 के दंगों के बाद गोधरा में 4 बार विधानसभा का चुनाव हो चुका है. इसमें 2 बार कांग्रेस और 2 बार भाजपा को सफलता हाथ लगी है. हालांकि इस सीट पर पार्टी से ज्यादा स्थानीय विधायक सीके राउलजी का दबदबा बना हुआ है. गोधरा सीट से सीके राउलजी 1 बार जनता दल से, 2 बार कोंग्रेस और 3 बार भाजपा के टिकट से चुनाव में विजयी हुए हैं. इस सीट पर चुनावी लड़ाई भाजपा और कोंग्रेस के बीच हमेशा देखने को मिलती थी. मगर इस बार AIMIM ने भी इस सीट पर एंट्री मारी है. इस सीट के सियासी समीकरण में भी काफी बदलाव आने के आसार दिखाई दे रहे हैं. 

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गोधरा सीट पर तकरीबन 70 हजार से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं. अब तक इनका झुकाव कांग्रेस की ओर रहा करता था. मगर इस बार चुनावी मैदान में ओवैसी की पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है. इससे कहीं न कहीं कांग्रेस को नुकसान होने की उम्मीद दिखाई दे रही है. हालांकि AIMIM के उम्मीदवार ने बताया कि इस बार वोट सिर्फ AIMIM को मिलेंगे और उनकी जीत होगी. साथ ही AIMIM के उम्मीदवार ने यह भी कहा कि भाजपा बौखला गई है. ऐसे में उन्होंने यहां पर योगी आदित्यनाथ को मैदान में उतारा है.

AIMIM दावा है कि मुस्लिम वोट का विभाजन नहीं होने वाला है. न्यूज नेशन ने जब  गोधरा के मुस्लिम मतदाताओं के साथ बातचीत की तो मुस्लिम मतदाता कांग्रेस और  AIMIM में बंटे हुए दिखाई दिए. लोगों का कहना है कि भाजपा उनके साथ भेदभाव  करती रही है और भाजपा धर्म के नाम पर वोट लेना चाहती हे. ऐसे में योगी आदित्यनाथ को गोधरा में बुलाया है.

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