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Goa Assembly Election 2022: 14 फरवरी को मतदान के दिन सरकारी छुट्टी का ऐलान 

गोवा में पिछली बार चार फरवरी को मतदान हुआ था और 11 मार्च 2017 को मतगणना हुई थी.गोवा में भाजपा की सरकार है. उसके पास गठबंधन समेत 25 विधायक हैं और एक निर्दलीय का समर्थन है.

Updated on: 08 Feb 2022, 10:01 AM

highlights

  • लोगों की सहुलियत के लिए मतदान के दिन छुट्टी का ऐलान किया है
  • गोवा की 40 विधानसभा सीटों पर इस दिन चुनाव होंगे
  • गोवा में पिछली बार चार फरवरी को मतदान हुआ था

नई दिल्ली:

गोवा सरकार ने मतदान दिवस होने के कारण 14 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया है. गोवा की 40 विधानसभा सीटों पर इस दिन चुनाव होंगे. ऐसे में सरकार ने लोगों की सहुलियत के लिए मतदान के दिन सरकारी छुट्टी का ऐलान किया है. गोवा सरकार का 4 फरवरी 2022 को वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. गोवा में पिछली बार चार फरवरी को मतदान हुआ था और 11 मार्च 2017 को मतगणना हुई थी. गोवा में भाजपा की सरकार है. उसके पास गठबंधन समेत 25 विधायक हैं और एक निर्दलीय का समर्थन है. हाल ही में भाजपा के दो विधायकों कार्लोज अल्मेडिया और एलिना सालदना ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. 

जनसंख्या का अनुपात

साल 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, गोवा एक हिंदू बहुल राज्य है. राज्य में करीब 66.08 प्रतिशत यानी 963,877 लाख हिंदू हैं. गोवा के दोनों जिलों नॉर्थ गोवा और साउथ गोवा में हिंदू बहुल आबादी है. 15 लाख की आबादी वाले गोवा में 8.33 प्रतिशत यानी 1.22 लाख आबादी मुस्लिमों की है. हिंदुओं के बाद सबसे ज्यादा तादाद राज्य में ईसाइयों की है. राज्य में करीब 25.10 प्रतिशत यानी 3.66 लाख ईसाई रहते हैं. 

गोवा ऐसा राज्य है, जहां महज 0.04 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति रहती है. यहां 0.10 प्रतिशत सिख और 0.08 प्रतिशत बौद्ध और जैन समुदाय के लोग रहते हैं. अन्य धर्मों को मानने वाले लोग सिर्फ 0.02 प्रतिशत हैं. प्रवासी या गोवा के बाहर के निवासियों की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है. एक तरह से यह गोवा की मूल आबादी के बराबर ही है. कुछ इलाकों में यह ज्यादा भी है. 

प्रमुख चुनावी मुद्दे

खनन का मुद्दा - पहले राज्य की अर्थव्यवस्था में लौह अयस्क के खनन की हिस्सेदारी करीब 75 फीसदी तक थी. साल 2012 से पहले राज्य की अर्थव्यवस्था में इसकी हिस्सेदारी पर्यटन से भी ज्यादा थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में दस साल से खनन बंद है. ऐसे में राज्य में खासकर दक्षिण गोवा में चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा खनन है. इस चुनाव में सभी पार्टियां सत्ता में आने पर इसे दोबारा शुरू कराने का वादा कर रही हैं. राज्य में नई आम आदमी पार्टी ने तो सत्ता में आने के छह महीने के भीतर इसे दोबारा शुरू कराने का वादा किया है.
  
बेरोजगारी का मुद्दा 

राज्य के युवाओं में देश के बाकी प्रदेश की तरह रोजगार की कमी एक बड़ा मुद्दा है. कोरोना महामारी के कारण पर्यटन पर पड़े बुरे असर ने इसे बढ़ाने का काम किया है. बीते 10 साल से बंद पड़े खनन कारोबार ने भी इसे  बढ़ाया है. 

भ्रष्टाचार का मुद्दा - गोवा में भ्रष्टाचार भी बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है. विपक्ष राज्य में  भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रहा है. आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तो गोवा को पहली बार भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा किया.

नशा और जुआ का मुद्दा - गोवा में समुद्र तटों पर ड्रग्स और जुआ को लेकर पिछली सरकारों ने काफी सख्ती की है. कई इलाकों में यह बड़ा मुद्दा है.