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गरखा आरक्षित विधानसभा सीट पर राजद और जदयू में है कड़ी टक्कर

इस सीट के पिछले पांच विधानसभा चुनावों की बात करें तो यहां से दो बार बीजेपी और दो बार आरजेडी के उम्मीदवार जितने में सफल हुए हैं.

Updated on: 06 Nov 2020, 12:36 PM

गरखा:

सारण जिले के अंतर्गत आने वाले गरखा विधान सभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट के पिछले पांच विधानसभा चुनावों की बात करें तो यहां से दो बार बीजेपी और दो बार आरजेडी के उम्मीदवार जितने में सफल हुए हैं. वर्ष 2005 में यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रघुनंदन मांझी को भी सफलता मिली थी.

हालाकिं, निर्दलीय जितने के बाद रघुनंदन मांझी ने हाथ का दमन थाम लिया था और उसी वर्ष अक्टूबर 2005 में हुए चुनावों में उन्हें बीजेपी के उम्मीदवार ज्ञानचंद मांझी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी के नेता ज्ञानचंद मांझी यहां से लगातार दो बार विधायक बने पर 2015 के चुनाव में उन्हें भारी हार का सामना करना पड़ा था. वर्ष 2015 के चुनाव में आरजेडी के मुनेश्वर चौधरी के हाथों बीजेपी के ज्ञानचंद मांझी को करीब 40 हजार वोटों से हार मिली थी. वैसे बता दें इस चुनाव में आरजेडी को जदयू का भी समर्थन प्राप्त था. ऐसे में इस सीट से इस बार एक तरफ महागठबंधन और दुसरे तरफ बीजेपी और जदयू संयुज्त रूप से चुनाव में उतरेगी तो माना जा रहा है मुकाबला रोचक होने वाला है.

गरखा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. ऐसे में इस विधानसभा सीट पर पिछड़े वर्ग के वोटर चुनाव में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. क्षेत्र की करीब 426639 मतदाता में अनुसूचित जाति (एससी) के लोगों को अनुपात 13.69 फीसदी है.