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सीलमपुर से शाहीन बाग तक : पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण से तय हुआ भाजपा का एजेंडा

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, सीलमपुर हो, जामिया हो या फिर शाहीन बाग, कई दिनों से सीएए को लेकर प्रदर्शन हुए, क्या ये प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग हैं. नहीं, ये एक प्रयोग है. इसके पीछे राजनीति का ऐसा डिजाइन है, जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने वाला है.

Updated on: 04 Feb 2020, 10:40 AM

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जब 4.27 बजे मंच पर पहुंचे तो कड़कड़डूमा का सीबीडी ग्राउंड भारत माता के जयकारों से गूंज उठा. मोदी की एक झलक पाने के लिए आतुर कार्यकर्ता मोदी-मोदी के नारे लगाते रहे. संचालन कर रहे भाजपा नेता सतीश उपाध्याय इस बीच प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) को बुलाते हैं. कुछ मिनट के भाषण में मनोज तिवारी शाहीन बाग का जिक्र करना नहीं भूलते. तिवारी दिल्ली की जनता से अपील करते हैं कि वो ऐसी सरकार चुने जिससे शाहीन बाग की जगह दिल्ली शांति बाग बन सके.

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इस बीच 4.36 बजे से प्रधानमंत्री मोदी माइक संभालते हैं. भारत माता की जय के नारे लगवाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी भाषण शुरू करते हैं तो मैदान में अचानक सन्नाटा छा जाता है. सब मोदी को सुनने लगते हैं. भीड़ तभी आवाज करती है जब मंच पर बैठे कुछ नेता हाथ से इशारा करते हैं तो, नहीं तो भीड़ खामोशी से उन्हें सुनती रहती है. मोदी का शुरुआती भाषण केंद्र सरकार के विकास कार्यों को गिनाने पर टिका रहता है. अनुच्छेद 370 से लेकर राम मंदिर, सीएए, करतारपुर साहब कॉरिडोर, जीएसटी, सामान्य वर्ग को आरक्षण जैसे कामों को वे गिनाते हैं.

मोदी अपने आधे से ज्यादा भाषण में जब भावनात्मक मुद्दों की जगह आंकड़ों के साथ काम गिनाते हैं तो मीडिया गैलरी में मौजूद कुछ टीवी चैनल के रिपोर्टर उंबासी लेते नजर आते हैं. एक रिपोर्टर अपने बगल के साथी से कहते सुनाई देते है, 'मोदी जी कुछ मसालेदार नहीं बोलेंगे क्या...' एक दूसरे रिपोर्टर ने कहा, 'हम तो सोच कर आए थे कि कि मोदी जी शाहीन बाग पर कुछ बोलेंगे मगर अब तक कुछ मिला नहीं. इससे अच्छा तो दिल्ली के रामलीला मैदान वाला भाषण था.' मीडियाकर्मियों के बीच यह चर्चा चल ही रही थी कि पीएम मोदी ने भावनात्मक मुद्दों को टच करना शुरू कर दिया. शुरुआत उन्होंने सीलमपुर से की तो जामिया से होते हुए शाहीन बाग तक पहुंच गए.

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मोदी ने कहा, "सीलमपुर हो, जामिया हो या फिर शाहीन बाग, बीते कई दिनों से सीएए को लेकर प्रदर्शन हुए, क्या ये प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग हैं. नहीं, ये एक प्रयोग है. इसके पीछे राजनीति का ऐसा डिजाइन है, जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने वाला है."

प्रधानमंत्री मोदी ने यह बताने पर जोर दिया कि 'शाहीन बाग का प्रदर्शन महज एक कानून का विरोध भर नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक साजिश है.' वह तर्क देते हैं कि 'अगर यह प्रदर्शन कानून का विरोध होता तो सरकार के तमाम आश्वासनों के बाद कब का खत्म हो चुका होता.' शाहीन बाग पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसके पीछे आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि 'जनता को भड़काने की कोशिश हो रही है.'

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शाहीन बाग में हाथों में तिरंगा और संविधान लेकर लोगों के प्रदर्शन की मंशा पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा, 'संविधान और तिरंगे को सामने रखते हुए ज्ञान बांटा जा रहा है और असली साजिश से ध्यान हटाया जा रहा है.'

प्रधानमंत्री मोदी ने शाहीन बाग के आंदोलन को संविधान विरोधी भी ठहराने की कोशिश की. उन्होंने कहा, 'प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा, तोड़फोड़ पर, आगजनी पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नाराजगी जताई है, लेकिन लोग अदालतों की परवाह नहीं करते. ये कोर्ट की बात नहीं मानते और बातें करते हैं संविधान की.'

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प्रधानमंत्री मोदी ने शाहीन बाग की चर्चा के दौरान यह भी अंदेशा जताया कि कल किसी और सड़क और गली को जाम किया जा सकता है. उन्होंने इससे बचने के लिए सामने मौजूद जनता को भाजपा को वोट देने की अपील यह कहते हुए की, 'साजिश रचने वालों की ताकत बढ़ने पर कल किसी और सड़क, गली को रोका जाएगा. इसको रोकने का काम सिर्फ दिल्ली के लोग कर सकते हैं, भाजपा को दिया गया वोट कर सकता है.'

रैली खत्म होने के बाद भारतीय जनता पाटी (भाजपा) के दिल्ली प्रवक्ता अश्निनी उपाध्याय आईएएनएस से कहते हैं, "प्रधानमंत्री मोदी की कड़कड़डूमा की रैली ने पार्टी की कैंपेनिंग में टॉप गियर डाल दिया है. चुनाव पूरी तरह पीक पर पहुंच चुका है. भाजपा स्पष्ट बहुमत से दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है."