एग्जिट पोल के बाद बीजेपी में सीएम फेस को लेकर गहमा-गहमी काफी बढ़ गई है। इनमें से राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, मनोज सिन्हा, केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा कुछ ऐसे नाम हैं जिसको लेकर चर्चा काफी गर्म है।
हालांकि झारखंड, महाराष्ट्र, और हरियाणा चुनाव को देखे तो सरप्राइज चेहरे को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
ऐसा माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। बता दें कि राजनाथ मोदी और शाह की पसंद हैं। अगर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री पद के लिए पुराने चेहरे पर दांव लगाने की सोचेगी तो उनके सामने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का नाम सबसे आगे होगा।
हालांकि वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में राजनाथ सिंह राज्य की राजनीति में लौटना चाहे, इस पर संदेह होता है।
वहीं ताज़ा राजनीतिक परिस्थितियों पर गौर करें तो योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में बीजेपी के एकलौते फायर ब्रांड नेता हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने उनसे पश्चिमी यूपी में जमकर प्रचार कराया। बता दें कि इससे पहले आदित्यनाथ पूर्वांचल तक ही सीमित थे। आदित्यनाथ ने बीजेपी स्टार प्रचारक के रूप में सबसे ज्यादा रैलियां की हैं।
बीजेपी जानती थी कि आदित्यनाथ के आने से वोटों का ध्रुवीकरण होगा और अगर पश्चिमी यूपी में बीजेपी बेहतर परिणाम देती है तो इसका काफी श्रेय आदित्यनाथ को जाएगा। ज़ाहिर है ऐसे में वे मुख्यमंत्री के दूसरे सबसे बड़े दावेदार हो सकते हैं।
बीजेपी के लिए सीएम पद के तीसरे और सरप्राइज चेहरों वाले उम्मीदवार मनोज सिन्हा हो सकते है। अमित शाह और नरेंद्र मोदी इससे पहले भी सिन्हा को बड़ी जिम्मेदारी के लिए चुनते रहे हैं। पीएम मोदी कई बार सार्वजनिक मंच से भी बतौर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के काम-काज की तारीफ कर चुके हैं। दूसरी बात मनोज सिन्हा उस पूर्वांचल से आते हैं, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे ज्यादा फोकस रहता है। साथ ही वो गृहमंत्री राजनाथ सिंह के करीबी भी माने जाते रहे हैं।
चौथा और सबसे महत्वपूर्ण नाम है केशव प्रसाद मौर्य। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कई बार कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री साफ-सुथरी छवि वाला और उत्तर प्रदेश से जुड़ाव रखने वाला होगा। केशव प्रसाद मौर्य पर ये दोनों बात फिट बैठती है। अगर महाराष्ट्र चुनाव के फार्मुले को देखा जाए तो वहां पर जीत का श्रेय प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र फडणवीस को मिला था। साथ ही उनकी छवि भी काफी साफ सुथरी थी इस नाते भी उन्हें बेहतर परिणाम के बदले में सीएम पद दिया गया।
वहीं दूसरी तरफ केशव पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं और उनका संघ से भी काफी जुड़ाव रहा है। इसके अलावा इस बार के चुनाव प्रचार में बीजेपी का ज्यादातर फोकस ओबीसी वोटरों पर दिखा। उस लिहाज से भी ओबीसी बिरादरी से आने वाले केशव विकल्प बन सकते हैं।
पाचवें उम्मीदवार के तौर पर लखनऊ के राजनीतिक गलियारों में दिनेश शर्मा के नाम की भी चर्चा है। लखनऊ के मेयर और बीजेपी नेता दिनेश शर्मा यूपी के उन गिने चुने नेताओं में से हैं, जिन्हें पार्टी के अच्छे दिनों में सबसे ज्यादा इनाम मिला। अमित शाह भी उन्हें काफी पसंद करते हैं। वे कल्याण सिंह और कलराज मिश्र के भी खास हैं। साल 2006 में अटल बिहारी बाजपेयी ने अपना आखिरी भाषण भी दिनेश शर्मा को चुनाव जिताने के लिए दिया था। ऐसे में दिनेश शर्मा एक सरप्राइजिंग एलिमेंट हो सकते हैं।
Source : Deepak Singh Svaroci