Exclusive: पश्चिम बंगाल चुनाव में दिखाई दे रहा मिठाइयों का सियासी रंग
संदेश अपनी मिठाइयों में अलग-अलग पार्टियों के लोगों और उनके नेताओं के चेहरों वाली मिठाइयां तैयार करके बेच रहे हैं. इन मिठाइयों से कैसा संदेश जा रहा है यह जानने के लिए न्यूज नेशन की वरिष्ठ संवाददाता पीनाज त्यागी ने संदेश के मालिक सुदीप से की बातचीत.
highlights
- प.बंगाल चुनाव में संदेश की मिठाइयों का संदेश
- हर खास मौके पर संदेश बनाता है ऐसी मिठाइयां
- मौके को देेखकर ऐसी मिठाइयों की होती है डिमांड
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल में इस वक्त चुनावी सरगर्मियां अपने चरम पर पहुंची हुई हैं. और ऐसे में भला संदेश कोई संदेश ना दे ऐसा हो सकता है भला. आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में सियासी मिजाज मिठाई पर भी हावी होता दिखाई दे रहा है. पश्चिम बंगाल में एक बेहद पुरानी और फेमस मिठाई की दुकान है जिसका नाम है बलराम मलिक की सौंदेश मिठाई. यहां पर रसोगुल्ला के अलावा कई तरह की फेमस मिठाइयां पाई जाती हैं. आपको बता दें कि संदेश पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले अपनी मिठाइयों से राजनीतिक संदेश देते हुए दिखाई दे रहे हैं. संदेश अपनी मिठाइयों में अलग-अलग पार्टियों के लोगों और उनके नेताओं के चेहरों वाली मिठाइयां तैयार करके बेच रहे हैं. संदेश अपनी मिठाइयों से कैसा संदेश दे रहे हैं यह जानने के लिए न्यूज नेशन की वरिष्ठ संवाददाता पीनाज त्यागी ने संदेश के मालिक सुदीप से की बातचीत.
सुदीप ने न्यूज नेशन से बातचीत करते हुए बताया कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब हमने ऐसी मिठाइयां बनाईं हो. इसके पहले भी हमने चाहे फुटबॉल वर्ल्डकप हो चाहे क्रिकेट वर्ल्डकप हो या अन्य कई मौकों पर उसके मुताबिक मिठाइयां बनाई हैं.
इस बार पश्चिम बंगाल में चुनाव को देखकर हमने ये तय किया कि हम ये नया प्रयोग करें. वैसे तो हम हर चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के सिंबल पर मिठाई बनाते हैं लेकिन इस बार हमने मोदी जी और ममता जी के कैरिकेचर के साथ मिठाइयां बनाईं हैं.
संदेश के मालिक सुदीप ने बताया कि इस बार इन चेहरों वाली मिठाइयों में थोड़ी ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी लेकिन हम सफल रहे क्योंकि हमारे पास इसके लिए बेहतरीन कारीगर हैं जो इसे आसान बना देते हैं.
सुदीप ने एक मिठाई और ऐसी बनाई है जिसपर बंगाली में कुछ लिखा है. हम आपको बता दें कि ये बंगाली में 'खेला होबे' लिखा है. ये शब्द हम रोज राजनीतिक रैलियों में सुनते हैं पश्चिम बंगाल चुनाव में ये एक खास कीवर्ड है जिसके बारे में हम रोज सुनते हैं.
आपको बता दें कि यहां पर सिर्फ 'खेला होबे' वाली मिठाई ही नहीं है यहां पर जय श्रीराम वाली मिठाई भी मौजूद है. सुदीप ने बताया कि जब वोटिंग शुरू हो जाती है तब इन मिठाइयों की डिमांड बढ़ जाती है. खासकर राजनीतिक कार्यकर्ता इसे खूब खरीदते हैं. उन्होंने बताया कि जो पार्टी चुनाव में जीतकर उभरती है उसके नेता कुछ ज्यादा ही इन मिठाइयों का ऑर्डर करती हैं. जिससे अचानक ऐसी मिठाइयों की डिमांड बढ़ जाती है.
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