दिल्ली विधानसभा चुनाव की तस्वीर लगभग साफ होने लगी है. लगातार चुनाव परिणामों के रुझान देख कर ऐसा लग रहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार एक बार फिर से सत्ता में आएगी. इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे. 2 बजे तक जो चुनावी रुझान आए हैं उसमें आम आदमी पार्टी 57 सीट और बीजेपी 13 सीट पर जीत हासिल कर सकती है. वहीं कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई है. भले ही इन चुनावों में बीजेपी सत्ता में न आ पाए लेकिन फिर भी हम आपको ऐसे तीन कारण बता सकते हैं जिसके जरिए बीजेपी अपना सीना ठोक सकती है.
वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी
जो आंकड़े आए हैं उसके मुताबिक बीजेपी को 41.38 प्रतिशत वोट मिले हैं. उसे 9 प्रतिशत वोटों की बढ़त मिली है. 2015 के चुनावों में बीजेपी को 32.3 प्रतिशत वोट पड़े थे. वहीं आम आदमी पार्टी को 2.4 प्रतिशत वोट का घाटा हुआ है. उसे 52.26 प्रतिशत वोट मिले हैं. कांग्रेस को 4.18 प्रतिशत वोट का घाटा हुआ है. कांग्रेस को 2015 के मुकाबले सिर्फ 5.52 प्रतिशत वोट मिले हैं. 9 प्रतिशत वोटों की बढ़ोतरी से बीजेपी अपना सीना ठोक सकती है. वह यह कह सकती है कि उसने वोट प्रतिशत में अच्छी खासी सेंध लगाई है.
3 के बजाय 13
ईमानदार छवि और अपने कामों के कारण अरविंद केजरीवाल एक बार फिर सत्ता में भले ही आ गए हों. लेकिन उनके लिए यह एक चिंता का विषय जरूर होगा कि वह अपनी जीत को बढ़ा नहीं पाए. क्योंकि आम आदमी पार्टी ने 2015 में 67 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं बीजेपी ने 3 सीटों पर ही जीत हासिल की थी. वहीं अगर रुझान सही साबित होते हैं तो 3 के बजाए बीजेपी 13 सीटों पर जीत जाएगी. जो उसके लिए खुश होने का एक और कारण हो सकता है.
कांग्रेस फिर से साफ
बीजेपी के लिए इस चुनाव में खुश होने का एक सबसे बड़ा कारण यह भी है कि कांग्रेस पूरी तरह से फिर से दिल्ली विधानसभा से बाहर हो गई है. बीजेपी लगातार कांग्रेस मुक्त भारत का नारा लगाती रहती है. भले ही कांग्रेस पूरे भारत से नहीं खत्म हो पाई है. लेकिन अगले 5 साल के लिए वह दिल्ली विधानसभा से बाहर हो गई है. यह बीजेपी के लिए खुश होने का सबसे बड़ा कारण हो सकता है.
Source : Yogendra Mishra