एंटली विधानसभा सीट TMC ने दी थी CPM को करारी शिकस्त, जानें पूरा हाल
इस विधानसभा सीट से मौजूदा टीएमसी के स्वर्ण कमल साहा जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. स्वर्ण कमल साहा ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में अपने निकटम प्रतिद्वंदी सीपीएम प्रत्याशी देबेश दास को भारी अंतर से हराया था.
एंटली:
एंटली विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल जिले से आती है यह राज्य की प्रमुख विधानसभा सीटों में से एक है. इस विधानसभा सीट से मौजूदा टीएमसी के स्वर्ण कमल साहा जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. स्वर्ण कमल साहा ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में अपने निकटम प्रतिद्वंदी सीपीएम प्रत्याशी देबेश दास को भारी अंतर से हराया था.
आपको बता दें कि साल 2016 में हुए एंटली विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुल दो लाख छः हजार चार सौ इकहत्तर (206471) मतदाता थे. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में एंटली विधानसभा सीट से कुल एक लाख पैंतालिस हजार नौ सौ चव्वालिस(145944) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. पश्चिम बंगाल की इस विधानसभा सीट पर 54.34 फीसदी पुरुष मतदाता हैं, जबकि 45.66 फीसदी महिला मतदाता हैं.
एंटली विधानसभा सीट मौजूदा समय सत्तारूढ़ दल टीएमसी के हाथों में है. स्वर्ण कमल साहा ने पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए एंटली विधानसभा सीट से अपने निकटम प्रतिद्वंदी सीपीएम प्रत्याशी देबेश दास को 27,988 मतों से करारी शिकस्त दी थी, वहीं इस चुनाव में तीसरे नंबर पर 14,682 वोटों के साथ बीजेपी उम्मीदवार सुधीर कुमार पांडेय थे, जबकि यहां पर भी 2,321 वोटों के साथ चौथे स्थान पर नोटा रहा.
साल 2016 में ऐसी रही वोटिंग
एंटली विधानसभा सीट पर साल 2016 में में कुल 71 फीसदी मतदान हुआ था. साल 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के स्वर्ण कमल साहा ने सीपीएम प्रत्याशी देबेश दास को 27,988 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. एंटली विधानसभा सीट कोलकाता उत्तर के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं सुदीप बंद्योपाध्याय, जो ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से हैं. उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राहुल सिन्हा को 127095 से हराया था.
बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है, मुकुल रॉय, शुभेन्दु अधिकारी सहित टीएमसी के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इस लिहाज से अब जनता ही पश्चिम बंगाल की सियासत का परिणाम बताएगी.
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