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ये है सबसे बड़ी चर्चा, Madhya Pradesh में इस कारण हारी BJP

मध्‍य प्रदेश, छत्‍तीसगढ़ और राजस्‍थान विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्‍त खा चुकी भारतीय जनता पार्टी की इस शिकस्‍त के पीछे..

Updated on: 12 Dec 2018, 01:12 PM

भोपाल:

मध्‍य प्रदेश, छत्‍तीसगढ़ और राजस्‍थान विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्‍त खा चुकी भारतीय जनता पार्टी की इस शिकस्‍त के पीछे भले ही सत्‍ताविरोधी लहर के साथ अन्‍य कारण हों लेकिन इस हार को लेकर तमाम प्रचलित मान्यताओं की भी अब पड़ताल शुरू हो गई है. लोगों का मानना है कि बीजेपी की इस पराजय का कारण मां नर्मदा और रामराजा का कोप है. मध्य प्रदेश में ओरछा के रामराजा सरकार मंदिर की मान्यता के मुताबिक भगवान राम को ही यहां सरकार माना जाता है. इस मंदिर में बड़े राजनेता दर्शन करने से बचते हैं. हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी के लगातार कई मिथकों को तोड़ने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मिथक को हाल ही में तोड़ा था. ऐसा कहा जाता है कि रामराजा का दर्शन करने वालों को अपनी सत्ता से हाथ धोना पड़ा है.

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बात करें अमरकंटक में नर्मदा नदी के उद्गम की तो ऐसी मान्यता लोगों के दिलों में घर कर गई है कि जिस किसी पॉलिटिशियन ने नर्मदा नदी को लांघा है उसे अपनी सत्ता गंवानी पड़ी. इस बारे में जिन राजनीतिज्ञों के नाम का हवाला दिया जाता है वो देश के नामी राजनेताओं में शुमार किए जाते हैं.

अमरकंटक तक पहुंचने के लिए हवाई मार्ग होकर हैलीकॉप्टर से नर्मदा लांघने और उसके बाद सत्ता से हाथ धोने वालों के नामों की फेहरिस्त लंबी है. मां नर्मदा के कोप से प्रभावित नेताओं के बारे में इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई के साथ ही एमपी के पूर्व सीएम अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा, उमा भारती, सुंदरलाल पटवा, श्यामाचरण शुक्ल के साथ ही केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल और पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत का नाम बतौर उदाहरण लिया जाता है. इन सभी नेताओं के बारे में भी यही कहा जाता है कि विमान से नर्मदा को लांघने के बाद इन सभी नामचीन नेताओं को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा.

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बात करें भारतीय जनता पार्टी की तो कहा जाता है कि उमा भारती भी जब मुख्यमंत्री बनीं थीं तब वो अमरकंटक पहुंचीं थीं जिसके बाद उनके हाथ से भी मध्य प्रदेश की सत्ता चली गई. यह भी कहा जाता है कि अपने प्रायश्चित के तौर पर ही अब वो सड़क मार्ग से वाहन के जरिए अमरकंटक जाती हैं.

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस बात को शायद गांठ बांध रखा था और उन्होंने अपने मुख्यमंत्री रहते कभी भी हैलीकॉप्टर से अमरकंटक की यात्रा की और न ही रामराजा के दर्शन ही किये. अशोक नगर के बारे में कहा जाता है कि यहां जो भी मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल में गया उसे सत्ता से हाथ धोना पड़ा. इतना ही नहीं शिवराज ने नर्मदा परिक्रमा यात्रा में शामिल होने के लिए अमरकंटक आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी नया हेलीपेड बनवाकर नर्मदा को लांघने से बचा लिया.