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ममता बनर्जी की चिट्ठी पर चुनाव आयोग का जवाब, अब आचार संहिता उल्लंघन पर ऐक्शन!

चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा, नंदीग्राम में मतदान केंद्रों पर सुबह 5.30 बजे मतदान केंद्रों पर एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया और सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ.

Updated on: 04 Apr 2021, 04:15 PM

highlights

  • ममता बनर्जी की चिट्ठी पर चुनाव आयोग का जवाब
  • 'नंदीग्राम चुनाव में गड़बड़ी'...ममता बनर्जी के आरोप खारिज
  • EC ने 6 पन्नों में दिया जवाब, अब आचार संहिता उल्लंघन पर 

कोलकाता:

बंगाल के दूसरे चरण में नंदीग्राम में मतदान के दौरान टीएमसी की उम्मीदवार और सीएम ममता बनर्जी नंदीग्राम के बयाल-2 स्थित 7 नंबर बूथ में लगभग दो घंटे रहने और चुनाव आयोग और केंद्रीय गृह मंत्री पर लगाए आरोप को चुनाव आयोग ने पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह से गलत हैं. चुनाव आयोग ने रविवार को ममता की चिट्ठी पर जवाब दिया है. आयोग ने कहा कि नंदीग्राम में वोटिंग के दौरान बाधा नहीं हुआ था. टीएमसी का पोलिंग एजेंट बूथ पर आया ही नहीं. आयोग ने आगे कहा कि बूठ पर पोलिंग एजेंट को रोकने की बात गलत. बूथ पर शांतिपूर्ण मतदान चल रहा था. बूथ में तैनात बीएसएफ के जवानों ने गलत आरोप लगाए.

चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा, नंदीग्राम में मतदान केंद्रों पर सुबह 5.30 बजे मतदान केंद्रों पर एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया और सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ. आयोग ने यह भी कहा कि इस मॉक ड्रिल के दौरान सभी राजनीतिक दलों के पोलिंग एजेंट मौजूद थे. चुनाव आयोग ने कहा कि यह साबित करने के लिए सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है कि चुनाव में कोई गड़बड़ी नहीं हुई.

चुनाव आयोग (Election Commission) ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को भेजे जवाब में लिखा है, 'आपकी चिट्ठी में लिखी बातें तथ्यात्मक नहीं हैं.' 1 अप्रैल को नंदीग्राम वोटिंग में बाधा नहीं हुई. बीएसएफ जवानों पर लगाए आरोप सरासर गलत हैं. हिंसा और वोटर्स को डराने की बात गलत है. नंदीग्राम के पोलिंग बूथ 7 पर मतदान सही और शांतिपूर्ण तरीके से हुआ है.

बता दें, पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021) के दूसरे चरण का मतदान बीते गुरुवार (1 अप्रैल 2021) संपन्न हुआ. इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से केंद्रीय सुरक्षा बलों के केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. ममता ने कहा था चुनाव आयोग को 63 शिकायतें दर्ज कराई हैं लेकिन आयोग गंभीरता से नहीं ले रहा.