विधानसभा चुनाव को लेकर EC का निर्देश, अब मतदान के 72 घंटे पहले नहीं कर सकेंगे ये काम

Assembly Election 2021 : देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं को रिझाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से जुटी हैं.  चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बीच एक नया निर्देश जारी किया है.

Assembly Election 2021 : देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं को रिझाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से जुटी हैं.  चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बीच एक नया निर्देश जारी किया है.

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Deepak Pandey
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EC का निर्देश, मतदान के 72 घंटे पहले नहीं कर सकेंगे ये काम( Photo Credit : फाइल फोटो)

Assembly Election 2021 : देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं को रिझाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से जुटी हैं.  चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बीच एक नया निर्देश जारी किया है. मतदान से 72 घंटे पहले संबंधित क्षेत्र में बाइक रैली पर रोक लगा दी गई है, ताकि राजनीतिक दलों के लोग मतदाताओं को प्रभावित न कर सकें. चुनाव आयोग ने कहा है कि इस समय पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, पुदुचेरी और असम में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. 

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आयोग के संज्ञान में आया है कि कुछ अराजक तत्व बाइक रैलियों के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित और परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में चुनाव आयोग ने इस मसले पर विचार के बाद मतदान से 72 घंटे पहले, मतदान के दिन संबंधित विधानसभा क्षेत्र में बाइक रैली के आयोजन पर रोक लगाने का निर्णय लिया है.

चुनाव आयोग ने इस संबंध में पांचों राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखकर इस निर्देश का सख्ती से पालन कराने के लिए कहा है. आयोग ने कहा है कि सभी प्रत्याशियों, राजनीतिक दलों और ऑब्जर्वर्स को इस बारे में जानकारी देनी जरूरी है.

बिना मास्क चुनाव प्रचार करने वाले नेताओं पर बैन की मांग

पांच राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ज़रूरी दिशानिर्देशों का बार-बार उल्लंघन करने वालों और मास्क न पहनने वाले उम्मीदवारों/ नेताओं को चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने  केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. हालांकि जिरह के दौरान  चुनाव आयोग ने नोटिस जारी करने का विरोध किया. उनके वकील पंकज चोपड़ा ने दलील दी कि दिल्ली में चुनाव नहीं हो रहे हैं. मास्क सम्बंधी दिशानिर्देश जारी करना राज्यों के जिला स्तर के अधिकारियों का काम है. सिर्फ चुनाव आयोग का दफ़्तर दिल्ली में होने की वजह से दिल्ली हाई कोर्ट को इस याचिका पर  सुनवाई नहीं करनी चाहिए. 

याचिकाकर्ता विक्रम सिंह की ओर से पेश हुए वकील विराग गुप्ता ने दलील दी कि कोविड के बढ़ते  खतरे के बीच चुनाव आयोग की दलील बेबुनियाद है. 26 फरवरी के आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक चुनाव से जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल हर शख़्स के लिए मास्क पहनना ज़रूरी है. वकील विराग गुप्ता ने  कोलकाता- दिल्ली फ्लाइट के दौरान यात्रियों द्वारा मास्क न पहनने के मसले पर जस्टिस हरिशंकर के स्वत: संज्ञान लेने वाले आदेश का हवाला दिया. उन्होंने कहा- इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में ज़रूरी दिशा निर्देश जारी किए , जिन पर अमल होने के चलते  मास्क न पहनने पर बहुत सारे लोगों को फ्लाइट में बैठने की इजाज़त नहीं दी गई. इस मामले में दिशानिर्देश DDCA को जारी किए गए. जब दिल्ली हाईकोर्ट कोलकाता एयरपोर्ट पर मास्क न पहनने की घटना पर संज्ञान ले सकता है तो कोर्ट इस याचिका पर भी संज्ञान ले सकता है. चुनाव आयोग को अनुच्छेद 324 के तहत क़ानूनी और संवैधानिक दायित्वों को निभाना चाहिए. बहरहाल  कोर्ट ने दोनों की दलील सुनने के बाद गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दिया.

Source : News Nation Bureau

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