logo-image

सबसे कम उम्र के सांसद रहे जेजेपी चीफ ने भाजपा और कांग्रेस को पिलाया पानी, जानें कौन हैं दुष्‍यंत चौटाला

Dushyant Chautala हरियाणा के चुनाव परिणाम अब सामने आने लगे हैं. रुझान अब परिणामों में तब्‍दील हो रहे हैं. अभी तक के रुझानों को देखें तो भाजपा 37 और कांग्रेस 34 सीटों पर आगे चल रही है.

Updated on: 24 Oct 2019, 04:40 PM

New Delhi:

दुष्‍यंत चौटाला (Dushyant Chautala) : हरियाणा के चुनाव परिणाम (Haryana Assembly election result 2019) अब सामने आने लगे हैं. रुझान अब परिणामों में तब्‍दील हो रहे हैं. अभी तक के रुझानों को देखें तो भाजपा 37 और कांग्रेस 34 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं नई पार्टी के तौर पर उभरकर सामने आई जेजेपी (Jan nayak janta party-JJP) यानी जननायक जनता पार्टी शानदार प्रदर्शन करते हुए दिख रही है. अभी तक आईएनएलडी भी एक सीट पर आगे चल रही है. हरियाणा में 21 अक्‍टूबर को यहां की कुल 90 सीटों पर वोट डाले गए थे. हरियाणा में भाजपा फिलहाल आगे है. जहां तक एग्‍जिट पोल की बात है तो अधिकतर सर्वे में दोनों राज्‍यों में बीजेपी की सरकार बनती हुई दिखाई गई थी. अब रुझान आने शुरू हो गए हैं, भाजपा और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला हो रहा है. इस बीच गृह मंत्री अमित शाह के बुलावे पर हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल को दिल्‍ली तलब किया गया है. अब इस बैठक में क्‍या नतीजा सामने आता है, यह देखना काफी दिलचस्‍प होने वाला है. आगे क्‍या होने वाला है यह शाम तक ही तय होगा. 

यह भी पढ़ें ः मनोहर लाल खट्टर की कुर्सी पर संकट के बादल, अब कौन बनेगा मुख्‍यमंत्री

इस बार के अभी तक जो रुझान सामने आए हैं, उसमें सबसे कमाल का प्रदर्शन जेजेपी ने किया है. कल जिस जिस जेजेपी को बच्‍चा पार्टी कहा जा रहा था, वह किंग मेकर के तौर पर सामने आ रही है. एक साल के भीतर ही पार्टी ने जबरदस्‍त जनाधार बटोरा और अपनी अलग पहचान बनाने में पार्टी कामयाब रही. दुष्यंत चौटाला की जेजेपी इस वक्‍त चर्चा का केंद्र बन गई है. हर कोई यही जानना चाहता है कि यह कौन सी पार्टी और इसके मुखिया आखिर हैं कौन.

यह भी पढ़ें ः बड़ी खबर : टिकटॉक गर्ल सोनाली फोगाट हारीं, कुलदीप बिश्‍नोई बड़े अंतर से जीते

दरअसल दुष्‍यंत चौटाला को पिछले साल दिसंबर में ही इंडियन नेशनल लोक दल से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया था. इसके बाद उन्‍होंने नौ दिसंबर 2018 को अपनी नई पार्टी जेजेपी का गठन किया. पार्टी के गठन के तुरंत बाद सबसे पहले दुष्‍यंत ने जींद में एक रैली की. बताया जाता है कि इसमें करीब छह लाख लोगों की भीड़ जुटी थी. जिसे देखकर सभी दंग रह गए और अचानक दुष्‍यंत चर्चा में आ गए. कुछ ही समय पहले की बात है जब दुष्‍यंत चौटाला और उनके पिता पार्टी पर दावेदारी को लेकर एक ओर थे, तो दूसरी ओर ओम प्रकाश चौटाला अभय चौटाला थे. बात यहां तक बढ़ गई कि चाचा अभय चौटाला ने उनके पिता अजय चौटाला को पार्टी से निकाल दिया था.

यह भी पढ़ें ः Haryana Assembly Election : पूरा दम लगाकर भी कांग्रेस मुक्‍त भारत नहीं बना पा रही भाजपा

अभी हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में तो यह झगड़ा सड़क पर आ गया था और एक दूसेर पर आरोप प्रत्‍यारोप का खूब लंबे समय तक दौर चला. अजय चौटाला के जेल में जाने के बाद इनेलो की कमान उनके छोटे भाई अभय चौटाल के हाथ में आ गई. साल 2018 में दुष्‍यंत ने नई पार्टी जननायक जनता पार्टी का गठन किया. प्रयोग के तौर पर जींद उप चुनाव में पार्टी ने अपना पहला प्रत्‍याशी चुनावी मैदान में उतरा. आम आदमी पार्टी का उन्‍हें समर्थन भी मिल गया. इस चुनाव में जीत को भाजपा को मिली, लेकिन जेजेपी अपने पहले ही चुनाव में नंबर दो पर रही. हालांकि बाद में जेजेपी और आप अलग अलग हो गईं.

यह भी पढ़ें ः Haryana Assembly Election update: हरियाणा में कांग्रेस दे रही कांटे की टक्‍कर, भाजपा की सांस अटकी

आप के बाद बसपा से भी पार्टी का गठबंधन हुआ, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चल पाया. अब इस विधानसभा चुनाव में पार्टी अकेले ही चुनावी मैदान में उतरी. यह चुनाव मोटे तौर पर भाजपा और कांग्रेस की सीधी लड़ाई का माना जा रहा था, लेकिन अब तक जो रुझान आए हैं, उससे राजनीतिक विश्‍लेषक भी हैरान रह गए. अब तक पार्ट 10 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. इस चुनाव में आईएनएलडी यानी इनेलो से टूटकर आए चार विधायक भी जेजेपी के साथ थे. दरअसल जेजेपी लगातार इसी बात पर जोर देती आई है कि वही पार्टी देवीलाल की विरासत को आगे बढ़ा रही है.

यह भी पढ़ें ः Haryana Assembly Election update : अनुच्‍छेद 370 के बाद भी भाजपा को जीत के लिए करनी पड़ रही है मशक्‍कत

अब बात करते हैं उन दुष्‍यंत चौटाला की, जो इस बार किंग मेकर बनकर उभरी है. दुष्‍यंत का जन्‍म तीन अप्रैल 1988 को हुआ था. वे अब करीब 31 साल के हो गए हैं और वे हिसार के रहने वाले हैं. देश के उप प्रधानमंत्री रह चुके देवीलाल के उनके परदादा हैं. दुष्‍यंत ने कैलफोर्नियां स्‍टेस्‍ट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की है. उनका चुनावी सफर 2014 के चुनाव में शुरू हुआ था. पहले ही चुनाव में उन्‍होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस के कुलदीप बिश्‍नोई को हराया था. 31,847 मतों से जीत दर्ज की थी. तब वे सबसे कम उम्र के सांसद बने थे. इसके बाद उनका नाम लिम्‍का बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड में भी दर्ज की हुआ था.

यह भी पढ़ें ः Maharashtra Election Results 2019: महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत, कांग्रेस पिछड़ी

अब एक बार फिर वे चर्चा में आ गए हैं, अब से करीब एक साल पुरानी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया था. अब वे किंग मेकर की भूमिका में दिखाई देने लगे हैं. अभी तक के रुझानों को देखकर तो यही लग रहा है कि दुष्‍यंत की मदद के बगैर कोई भी दल सरकार नहीं बना पाएगा. हालांकि अभी कुछ भी कहना मुश्‍किल है, आने वाले कुछ घंटे बहुत महत्‍वपूर्ण होने जा रहे हैं. भाजपा ने अपने मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दिल्‍ली बुला लिया है. अगर भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हो भी जाती है तो बहुत संभव है कि मनोहर लाल की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगे.