क्या विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने मान ली हार? चुनाव प्रचार से सोनिया-राहुल ने पीछे खींचे पांव
स्टार प्रचारक होने के बावजूद सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र में एक भी रैली नहीं की और हरियाणा में शुक्रवार को केवल उनकी एक रैली महेंद्रगढ़ में प्रस्तावित है. सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की रैली की धार कुंद करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) हरियाणा के गोहाना में रैली करेंगे.
highlights
- महाराष्ट्र में राहुल गांधी ने वहीं मुद्दे उठाए जो लोकसभा चुनाव में फेल हो चुके थे
- सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने अब तक महाराष्ट्र में नहीं की है एक भी रैली
- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा के चुनाव प्रचार से रखा है खुद को दूर
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र (Maharashtra) और हरियाणा (Haryana) में चुनाव प्रचार (Election Campaign) के खत्म होने में बस एक दिन शेष रह गए हैं, लेकिन कांग्रेस (Congress) का प्रचार अभियान जोर नहीं पकड़ पाया. पार्टी की स्टार प्रचारक होने के बावजूद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने महाराष्ट्र में एक भी रैली नहीं की और हरियाणा में शुक्रवार को केवल उनकी एक रैली महेंद्रगढ़ (Mahendragarh) में प्रस्तावित है. सोनिया गांधी की रैली की धार कुंद करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) हरियाणा के गोहाना (Gohana) में रैली करेंगे. दूसरी ओर, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हरियाणा में अब तक रैली नहीं की है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बीच खींचतान (Spilit Between Rahul Gandhi and Sonia Gandhi) की खबरों के बीच कांग्रेस का विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में प्रचार अभियान बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. महाराष्ट्र में अब तक राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार में वहीं घिसे-पिटे मुद्दे उठाए, जो लोकसभा चुनावों में फेल हो चुके थे. महाराष्ट्र में कांग्रेस पीएमसी बैंक घोटाले (PMC Bank Scam) को बड़ा मुद्दा बना सकती थी, लेकिन आपसी घमासान के चलते वो ऐसा करने में नाकाम रही. दूसरी ओर, बीजेपी की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah ) और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने स्टार प्रचारक के रूप में इन दोनों राज्यों में धुआंधार रैलियां की हैं.
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में 13 और 15 अक्टूबर को रैलियां की. उन रैलियों में राहुल गांधी ने 15 अमीर लोगों का कर्ज माफ करने, नोटबंदी, जीएसटी, राफेल आदि के मुद्दे उठाए. राहुल गांधी यह भूल गए कि लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने इन्हीं मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ा था और बुरी तरह मात खा गए थे. दूसरी ओर, पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष को घेरते हुए उन्हें देशविरोधी ताकतों की मदद करने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस इसका सटीक जवाब नहीं दे पा रही है. चुनावी रैलियों में राहुल गांधी समेत कांग्रेस के नेता बीजेपी से सत्ता हासिल करने का दम तो दिखा रहे हैं, लेकिन जनता को भरोसा दिलाने में नाकाम साबित हो रहे हैं.
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने तो अब तक महाराष्ट्र या हरियाणा में कोई रैली भी नहीं की है. राहुल गांधी ने भी हरियाणा में रैली नहीं की है. दोनों ही राज्यों में कांग्रेस के राज्य स्तर के नेता प्रचार की कमान संभाले हुए हैं. महाराष्ट्र में एक दिन पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस को जरूर संबोधित किया. दूसरी ओर, दोनों ही राज्यों में कांग्रेस अंतर्कलह से बुरी तरह जूझ रही है. महाराष्ट्र में संजय निरूपम बागी बने हुए हैं तो मिलिंद देवड़ा भी उपेक्षित किए जाने से नाराज चल रहे हैं. हरियाणा में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी छोड़ दी है और दिग्विजय चौटाला की पार्टी का खुलकर साथ दे रहे हैं.
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महाराष्ट्र और हरियाणा में 21 अक्तूबर को होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची बनाई थी. सूची में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, उनकी बहन व उत्तर प्रदेश की पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का भी नाम शामिल था. इसके अलावा राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट, मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, गुलाम नबी आजाद का भी नाम प्रचारकों की सूची में था, लेकिन इन नेताओं में से किसी ने भी प्रचार अभियान में दिलचस्पी नहीं दिखाई.
कांग्रेस के उलट बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, दोनों राज्यों में प्रचार की कमान थामे हुए हैं. इन नेताओं की रैलियों में तीन तलाक, अनुच्छेद 370, यूएपीए, वीर सावरकर, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आदि मुद्दों को लेकर विपक्ष खासकर कांग्रेस पर खूब वार किए जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस की ओर से पलटवार करने वाले नेताओं का अकाल पड़ा है.
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यह बताने की जरूरत नहीं कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को चुनाव प्रचार अभियान में महारत हासिल है. पिछले लोकसभा चुनाव की ही बात करें तो लगभग सवा दो महीने चले इस चुनावी जंग में पीएम नरेंद्र मोदी ने कुल 1,25,160 KM की यात्रा कर रैलियां कीं तो तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 1,20,941 KM जमीन नापी. राहुल गांधी जहां राफेल पर पीएम को घेरते रहे और चौकीदार को चोर बताते रहे, वहीं मोदी राष्ट्रवाद के जरिए वोटरों का मन टटोलते रहे. इस बीच मोदी कांग्रेस पर ज्यादा हमलावर रहे.
रैलियों की बात करें तो पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में कुल 142 रैलियां कीं तो राहुल गांधी ने 107. पीएम मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में ज्यादा पसीना बहाया. 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी ने कुल 129 रैलियां की थीं. पीएम नरेंद्र मोदी के प्रभाव के चलते गुजरात, राजस्थान, दिल्ली में यूपीए साफ हो गई. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, बिहार जैसे हिन्दी पट्टी वाले राज्यों में भी बीजेपी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था.
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