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देवेंद्र फडनवीस, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री( Photo Credit : ANI Twitter)
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देवेंद्र फडनवीस, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री( Photo Credit : ANI Twitter)
महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना (Shiv Sena) से चल रही खींचतान के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadnavis) ने कड़ा पलटवार किया है. फडनवीस ने कहा है कि शिवसेना से 50-50 फॉर्मूले पर कोई बातचीत नहीं हुई थी. उन्होंने कहा, शिवसेना गलतफहमी में न रहे. 5 साल मैं ही मुख्यमंत्री रहूंगा. ढाई-ढाई साल के सीएम को लेकर कभी कोई बातचीत हुई ही नहीं थी. 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election Results) के नतीजे आने के बाद सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच गतिरोध कायम है. शिवसेना का कहना है कि चुनाव पूर्व बीजेपी से ढाई-ढाई साल सीएम पद को लेकर डील हुई थी. शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने तल्ख बयानबाजी करते हुए कहा, बीजेपी उनकी पार्टी को महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन के लिए विकल्प ढूंढ़ने पर विवश न करे. राजनीति में कोई संत नहीं होता. संजय राउत ने इस दौरान बीजेपी को 50-50 फॉर्मूला भी याद दिलाया.
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संजय राउत ने बीजेपी को उकसान वाला बयान देते हुए कहा, हरियाणा की तरह महाराष्ट्र में ऐसा कोई दुष्यंत नहीं है, जिसके पिता जेल में हैं. संजय राउत का इशारा हरियाणा की जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला से बीजेपी को मिले समर्थन की ओर था. एक समाचार चैनल से बातचीत में संजय राउत बोले,‘हम गठबंधन (बीजेपी के साथ) में विश्वास करते हैं. लेकिन, बीजेपी को हमें सरकार गठन के लिए अन्य विकल्प ढूंढने को मजबूर नहीं करना चाहिए.’
इस बीच खबर है कि बीजेपी-शिवसेना में समझौता कराने के लिए उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए 30 अक्टूबर को मुंबई जाने वाले अमित शाह (Amit Shah) ने ऐन वक्त पर अपना दौरा रद्द कर दिया है. यह भी कहा जा रहा है कि शिवसेना से समर्थन न मिलने की स्थिति में बीजेपी प्लान बी पर भी काम कर रही है.
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24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को 105 तो शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं. शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी को 54 तो कांग्रेस के हिस्से में 44 सीटें आई हैं. बीजेपी और शिवसेना के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन होने के बाद भी गतिरोध बना हुआ है और शिवसेना ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद को लेकर मोलभाव कर रही है, जबकि बीजेपी को यह कतई मंजूर नहीं है.
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Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो