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दिल्ली की सबसे बड़ी अनधिकृत कॉलोनी नेब सराय में मतदान का उत्साह

एशिया की सबसे बड़ी अनधिकृत कॉलोनी में से एक नेब सराय के मतदाता दिल्ली विधानसभा में अपना प्रतिनिधि चुनने के मद्देनजर अपने मताधिकार का प्रयोग करने बड़ी संख्या में आगे आए.

Updated on: 08 Feb 2020, 02:11 PM

highlights

  • एशिया की सबसे बड़ी अनधिकृत कॉलोनी में से एक नेब सराय में लंबी कतारें.
  • 2015 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार करतार सिंह तंवर जीते थे.

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (NCR) में एशिया की सबसे बड़ी अनधिकृत कॉलोनी (Unathorized Colony) में से एक नेब सराय (Neb Sarai) के मतदाता दिल्ली विधानसभा में अपना प्रतिनिधि चुनने के मद्देनजर अपने मताधिकार का प्रयोग करने बड़ी संख्या में आगे आए हैं. शहर में सर्द हवाएं अब भी बरकरार है, लेकिन सुबह आठ बजे मतदान के शुरू होते ही मतदान केंद्र (Polling Booth) पर लोगों की लंबी कतार देखी गई. 28 वर्षीय राहुल त्यागी ने बताया, 'मतदान न केवल हमारा अधिकार है, बल्कि यह हमारी एक अहम जिम्मेदारी भी है. यही वजह है कि मैं सुबह-सुबह मतदान करने के लिए आया हूं.'

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लोकतंत्र में मतदान का महत्व
श्वेता नामक यहां की एक अन्य निवासी ने कहा, 'लोकतंत्र में मतदान का बहुत महत्व है, अगर हम अपना मतदान नहीं करेंगे, तो शिकायत करने या आलोचना करने के अपने अधिकार भी खो देंगे.' दिल्ली विधानसभा चुनाव की लड़ाई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच में है.

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छतरपुर में त्रिकोणीय मुकाबला
छतरपुर निर्वाचन क्षेत्र में यह संघर्ष आम आदमी पार्टी के करतार सिंह तंवर, भारतीय जनता पार्टी के ब्रह्म सिंह तंवर और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सतीश लोहिया के बीच है. साल 2015 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार करतार सिंह तंवर ने भारतीय जनता पार्टी के ब्रह्म सिंह तंवर के खिलाफ 67,645 वोट हासिल करते हुए 17.8 प्रतिशत के अंतर से छतरपुर निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की थी.