Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली की चुनावी रैलियों पर आंतक का साया, ये बड़े नेता हैं आतंकी टारगेट पर
जानकारी ये भी है कि आतंकियों के निशाने पर कई बड़े नेताओं के साथ अलग-अलग पार्टियों के स्टार प्रचारक और सेलिब्रिटी भी हैं.
highlights
- दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2020 (Delhi Assembly Election 2020) के चलते होने वाली सभाओं पर आतंकियों (Terrorists) की नजर है.
- खुफिया सूत्रों का कहना है कि चुनावी सभाओं को आंतकी अपना निशाना बना सकते हैं.
- जानकारी ये भी है कि आतंकियों के निशाने पर कई बड़े नेताओं के साथ अलग-अलग पार्टियों के स्टार प्रचारक और सेलिब्रिटी भी हैं.
नई दिल्ली:
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2020 (Delhi Assembly Election 2020) के चलते होने वाली सभाओं पर आतंकियों (Terrorists) की नजर है. खुफिया सूत्रों का कहना है कि चुनावी सभाओं को आंतकी अपना निशाना बना सकते हैं. जानकारी ये भी है कि आतंकियों के निशाने पर कई बड़े नेताओं के साथ अलग-अलग पार्टियों के स्टार प्रचारक और सेलिब्रिटी भी हैं. खुफिया ऐजेंसियों के इनपुट ने दिल्ली पुलिस का काम बढ़ा दिया है. इसी के साथ गणतंत्र दिवस को लेकर राजधानी में पहले से ही हाई अलर्ट है, लेकिन 8 फरवरी तक आतंकी खतरे को लेकर अलर्ट जारी किया है. आइबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन हमलों के लिए कोई नए पैतरों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं.
पुलिस को कहा गया है कि चुनावी सभाओं में सुरक्षा को लेकर किसी भी कमी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. स्थानीय स्तर पर सभी खुफिया रिपोर्ट्स पर गंभीरता से इसकी जांच करे. सुरक्षा इंतजाम में कमी मिलने पर अंतिम समय में भी ऐसी चुनावी सभाओं को निरस्त भी किया जा सकता है. बड़े राजनेताओं के रोड शो के दौरान भी हमले का खतरा है.
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बता दें कि दिल्ली में 8 फरवरी से इलेक्शन होने हैं जिसमें दिल्ली की सरकार किसके हाथ में जाएगी ये तय होगा. इसके चलते सारी राजनीतिक पार्टियां एक्टिव हैं और सभी पार्टियां अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को एकत्र कर जन अभियान में जुटी हुई हैं ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके. खुफिया एजेंसियों की तरफ से आगाह किया गया है कि सुरक्षा में एक छोटी सी भूल भी किसी बड़े साजिश को अंजाम दे सकती है. चुनाव को लेकर देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के कद्दावर नेताओं की चुनावी सभाओं की तैयारी शुरू हो चुकी हैं. ऐसे में दिल्ली की तीनों बड़ी पार्टियों के टॉप नेताओं की सुरक्षा सभाओं को शेड्यूल और फोर्स के हिसाब से रिव्यू जाएगा. पीएम, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और आरएसएस के नेताओं पर पहले से खतरा है.
दिल्ली पुलिस के अफसरों के मुताबिक, डीसीपी के जरिए सभी थानों को इस संबंध में सूचित किया जा चुका है. हालांकि दिल्ली में अबतक हुए चुनाव में कभी भी आतंकी हमले की आशंका नहीं थी. यह पहला चुनाव होगा, जिसमें आतंकी संगठनों की साजिश का खतरा मंडरा रहा है. पुलिस ने इसे गंभीरता से इसलिए भी लिया है, क्योंकि पिछले हफ्ते ही दक्षिण भारत के आईएस मॉड्यूल के संदिग्ध आतंकियों की दिल्ली में मौजूदगी और फिर गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे हुए हैं. आईएस के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
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वहीं, रोहिंग्या और बांग्लादेशी नई चुनौती के तौर पर उभर रहे हैं. दिल्ली में सीएए को लेकर रोजाना प्रोटेस्ट चल रहे हैं. ऐसे में चुनाव में किसी तरह का रिस्क दिल्ली पुलिस नहीं लेगी. अंदेशा है कि पाकिस्तान की खुफिया ऐजेंसी आईएसआई के इशारे पर किसी राजनेता की हत्या के बाद सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है.
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