दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) की मतदान की तारीख नजदीक आते-आते मतदाता सूचियों (Voter Slip) को भी अंतिम रूप देने का काम तेज हो चुका है. इस प्रक्रिया में दिल्ली की अंतिम मतदाता सूची में 11 लाख 55 हजार लोग ऐसे हैं जो लापता हैं. इसका खुलासा दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा कराए गए सर्वे में हुआ है. किसी का नाम मतदाता सूची में है पर वह अपने पते पर नहीं रहता तो मतदान के दिन दस्तावेजों की जांच के बाद ही वोट डालने की अनुमति मिलेगी. आठ फरवरी को होने वाले मतदान से पहले दिल्ली (Delhi) में वोटर स्लिप बांटने का काम शुरू कर दिया है. एक वरिष्ठ चुनाव अधिकारी के मुताबिक वोटर स्लिप बांटने के साथ मतदाताओं की जानकारी भी जुटाई जा रही है.
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गायब मतदाताओं की अंतिम सूची हो रही तैयार
छह फरवरी तक बताए पते से गायब मतदाताओं की अंतिम सूची तैयारी की जाएगी. यह बूथवार सूची सभी चुनावकर्मियों के पास रहेगी. अगर किसी व्यक्ति का नाम लापता वाली सूची में है तो उसे पूछताछ और दस्तावेजों की जांच के बाद ही मतदान की अनुमति मिलेगी. चुनाव अधिकारी का कहना है, हम तसल्ली के बाद ही ऐसे लोगों को वोट डालने देंगे. बताए पते से गायब मतदाताओं की जो सूची बनती है उसे ASD (अबसेंट, शिफ्टेड, डेथ) सूची कहते है. चुनाव आयोग ने बीते साल लोकसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी की ओर से लाखों की संख्या में मतदाताओं के नाम काटने के आरोप लगने के बाद यह इसे लेकर सर्वे कराया था.
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11 विधानसभाओं में ही क्यूआर कोड वाले वोटर स्लिप
दिल्ली चुनाव में क्यूआर कोड वाले वोटर स्लिप बांटने की योजना थी. मगर इसके लिए कर्मचारियों की कमी को देखते हुए इस बार प्रयोग के तौर पर 11 विधानसभाओं में ही यह बांटा जाएगा. प्रत्येक जिले में पड़ने वाली एक-एक विधानसभा में यह वोटर स्लिप बांटा जाएगा. बाकी विधानसभाओं में सामान्य वोटर स्लिप ही मतदाताओं को दिया जाएगा. क्यूआर कोड वाले वोटर स्लिप बांटने का मकसद मतदान केंद्र पर लगने वाली भीड़ को कम करना था.
- HIGHLIGHTS
- मतदाता सूची में 11 लाख 55 हजार लोग ऐसे हैं जो लापता हैं.
- दस्तावेजों की जांच के बाद ही वोट डालने की अनुमति मिलेगी.
- 11 विधानसभाओं में ही क्यूआर कोड वाले वोटर स्लिप.