दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तुगलकाबाद विधानसभा सीट इस क्षेत्र की सबसे लोकप्रिय सीटों में से एक हैं. इस सीट पर आम आदमी पार्टी के सहीराम पहलवान और बीजेपी के विक्रम बिधूड़ी के बीच कांटे की टक्कर है. दक्षिणी दिल्ली के बीजेपी सांसद रमेश बिधुड़ी इसी क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं. रमेश बिधुड़ी साल 2014 में पहली बार सांसद बनने से पहले तुगलकाबाद विधानसभा सीट से लगातार 3 बार विधायक चुने जा चुके हैं. एक समय बीजेपी का गढ़ रह चुके इस विधानसभा सीट पर 2015 चुनाव में आम आदमी पार्टी ने उलटफेर कर दिया. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में आम आदमी पार्टी के सहीराम पहलवान, बीजेपी के विक्रम बिधुड़ी को हराकर पहली बार इस क्षेत्र से विधायक चुने गए थे.
कुल मतदाताओं की संख्या 1,55,327
2015 के विधानसभा चुनाव के मुताबिक तुगलकाबाद विधानसभा में मतदाताओं की कुल संख्या 1,55,327 है. यहां 94,837 पुरुष और 60,480 महिला वोटर्स थे. जिनमें से सिर्फ 1,03,087 वोटर्स ने ही मतदान किया था. पिछले चुनाव में इस सीट पर कुल 66.37 फीसदी वोटिंग हुई थी.
विधानसभा चुनाव 2015 में आम आदमी पार्टी ने मारी बाजी
इस सीट पर पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी की टिकट पर सहीराम पहलवान ने अपना खाता खोला. बीएसपी छोड़कर आप में शामिल होते ही सहीराम पहलवान को पार्टी ने तुगलकाबाद विधानसभा सीट से टिकट दे दिया. आप उम्मीदवार सहीराम पहलवान ने चुनावी मैदान में अपने विरोधी उम्मीदवार को हराते हुए पहली बार विधायक चुने गए. उन्होंने बीजेपी के विक्रम बिधुड़ी को 33,701 वोटों से हराया था. जबकि कांग्रेस के युवा नेता सचिन तीसरे स्थान पर रहे थे. उन्हें केवल 4,269 वोट मिले थे. पिछले चुनाव में इस सीट पर कुल 10 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी.
लगातार 3 बार बीजेपी का रहा कब्जा
2015 से पहले के चुनावों की बात करें तो यहां लगातार 3 बार बीजेपी ने चुनाव जीता. बीजेपी के रमेश बिधुड़ी ने साल 2003, 2008 और 2013 में तुगलकाबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव जीतने के बाद रमेश बिधुड़ी को सीट खाली करनी पड़ी थी. जिसके बाद 2015 के विधानसभा चुनाव में रमेश बिधुड़ी के भतीजे विक्रम बिधुड़ी को इस सीट से बीजेपी की टिकट मिली थी. लेकिन, विक्रम बिधुड़ी को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में करारी हार का सामना करना पड़ा था.
बीजेपी के सामने चुनौती
बीजेपी की कोशिश होगी कि वे इस सीट पर वापसी करें. पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी का किला भेद दिया था, जहां करीब 12 साल तक राज करने के बाद उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी थी. 2015 के चुनाव में बीजेपी को 33,701 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. इससे भी बड़ी चिंता की बात ये है कि बीजेपी को इस सीट पर उस समय शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था, जब पूरे देश में मोदी की लहर चल रही थी.
दिल्ली में 8 फरवरी को होंगे विधानसभा चुनाव
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 11 फरवरी को नतीजे आएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में दिल्ली की 70 में से 67 सीटों पर आम आदमी पार्टी की जीत हुई थी. बीजेपी को सिर्फ तीन सीटें ही मिलीं थीं, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था.
Source : Sunil Chaurasia