दिल्ली विधानसभा चुनावों (Delhi Assembly Elections 2020) की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. सभी राजनीतिक पार्टियों ने दिल्ली के चुनावी रण में कूदने की तैयारी कर ली है. हालांकि दिल्ली विधानसभा की चुनावों की तारीख अभी नहीं जारी की गई है लेकिन आपको बता दें कि दिल्ली में 22 फरवरी से पहले नई सरकार का गठन होना है. लेकिन इसके पहले ही दिल्ली की कुर्सी पाने के लिए आप, भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी चुनावी रणनीति में जुट गए हैं. बीते चुनावों में भाजपा और कांग्रेस की कमान संभालने वाले नेता इस चुनाव में नहीं होंगे. 2020 के चुनावों में दोनों पार्टियों का जिम्मा नए कंधों पर होगा. इसी के साथ साथ कुछ ऐेसे भी चेहरे होंगे जो इस चुनाव में या तो बदल दिए गए या किसी कारण से उनको नहीं लाया गया है.
इसमें एक बड़ा नाम बीजेपी ने विधानसभा किरण बेदी को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर चुनाव में उतारा था. लेकिन अभी किरण बेदी पुदुचेरी की उपराज्यपाल के पद पर कार्यरत हैं. अब जब किरण बेदी उपराज्यपाल के पद पर कार्यरत हैं तो उनका इस चुनाव में हिस्सा ले पाना लगभग असंभव है. इसी के साथ साथ दिल्ली ने पिछले कुछ महीनों में अपने तीन मुख्यमंत्री खोए हैं.
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वहीं बीजेपी को दूसरा झटका सुषमा स्वराज के रूप में लगा. पूर्व मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज का निधन छह अगस्त 2019 को हो गया. सुषमा सीधे तौर पर दिल्ली की सियासत में दखल नहीं देती थीं, लेकिन कई बार समीकरण साधने के लिए उनकी मदद ली जाती थी.
998 से 2015 तक पांच विधानसभा चुनाव शीला दीक्षित के नेतृत्व में लड़े गए. उधर, दिल्ली में भाजपा की पहचान रहे पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना का निधन 27 अक्तूबर 2018 को हो गया. भाजपा को दूसरा झटका सुषमा स्वराज के रूप में लगा.
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पूर्व मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज का निधन छह अगस्त 2019 को हो गया. सुषमा सीधे तौर पर दिल्ली की सियासत में दखल नहीं देती थीं, लेकिन कई बार समीकरण साधने के लिए उनकी मदद ली जाती थी.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली विधानसभा चुनावों (Delhi Assembly Elections 2020) की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.
- सभी राजनीतिक पार्टियों ने दिल्ली के चुनावी रण में कूदने की तैयारी कर ली है.
- कुछ ऐेसे भी चेहरे होंगे जो इस चुनाव में या तो बदल दिए गए या किसी कारण से उनको नहीं लाया गया है.
Source : News Nation Bureau