वरिष्ठ नेता सीपी जोशी के बयान को लेकर कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है. राहुल गांधी ने तत्काल नसीहत दी और उसके बाद सीपी जोशी अपने बयान पर खेद भी जता दिया है. सीपी जोशी ने अपने टि्वटर हैंडल पर लिखा, कांग्रेस के सिद्धांतो एवं कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मेरे कथन से समाज के किसी वर्ग को ठेस पहुंची हो तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूं.
इससे पहले सीपी जोशी ने कहा था, उमा भारती हिन्दुत्व की बात करती हैं, जबकि वह लोधी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिन्दुत्व की बात करते हैं. केवल ब्राह्मण हिन्दुत्व की बात नहीं करते हैं. अगर कोई धर्म के बारे में जानता है तो वह ब्राह्मण है.
सीपी जोशी के इस बयान पर राजनीति शुरू हो गई. बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताई. उन्होंने कहा, कांग्रेस का स्तर गिर रहा है. विकास की बात करने वाली कांग्रेस अब जातियों की बात करने लगी है. अब तो साधु-साध्वियों की भी जाति पूछी जा रही है. क्या यह बयान गफलत में, सियासत में, शरारत में दिया गया है. जनेउधारी राहुल गांधी बताएं, आखिर वो अपने नेताओं को क्या सीखा रहे हैं. सीपी जोशी के बयानों से लगता है कि कांग्रेस के नेताओं को हिन्दू धर्म के बारे में ज्ञान नहीं है. सीपी जोशी ने भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म का घोर अपमान किया है.
इससे पहले राहुल गांधी ने कहा था, सीपी जोशी का बयान कांग्रेस के मूल्यों के खिलाफ है. पार्टी नेताओं को किसी की भी भावनाओं को आहत करने से बचना चाहिए. मुझे मालूम है कि सीपी जोशी को गलतियों का अहसास होगा. उन्हें अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए.
राहुल गांधी के माफी मांगने संबंधी बयान पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, अगर माफी मांगनी है तो राम को काल्पनिक कहने पर माफी मांगें. अमेरिकी अधिकारियों के सामने हिन्दू धर्म को आतंकवाद से जोड़ने की बात पर माफी मांगें. नहीं तो आपका हिंदुत्व और ब्रह्मत्व ढोंग है.