Shock to Delhi Congress: कांग्रेस का हाथ छोड़ इन नेताओं ने थामा 'आप' का दामन
दिल्ली में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है और आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है.
नई दिल्ली:
दिल्ली विधानसभा के ठीक पहले दिल्ली कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के दो नेता मोहम्मद इकबाल और सुल्ताना आबाद ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में कांग्रेस नेता मोहम्मद इकबाल और एमसीडी पार्षद सुल्ताना आबिद ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की.
दिल्ली के मटिया महल के पूर्व विधायक शोएब इकबाल बुधवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. शोएब इकबाल मटिया महल से पांच बार विधायक रह चुके हैं. 2003 से 2008 वे दिल्ली विधानसभा के डिप्टी स्पीकर भी रह चुके हैं. 2015 का विधानसभा चुनाव वह कांग्रेस के टिकट पर लड़े थें. मटिया महल विधानसभा में ही नहीं पूरे पुरानी दिल्ली में उनकी जबरदस्त पकड़ है. शोएब इकबाल 2013 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड की टिकट पर चुनाव जीते थें.
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शोएब इकबाल के पार्टी की सदस्या दिलाने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सोएब इकबाल जी अपनी पूरी टीम के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं. उनका पार्टी दिल से स्वागत करती है. हमारी पार्टी पिछले पांच साल से दिल्ली में गरीबों के लिए काम कर रही है. मुझे पूरी उम्मीद है कि सोएब जी के आने उसको और मजबूती मिलेगी. हम मिल कर दिल्ली को और बेहतर करने की कोशिश करेंगे.
आप के पक्ष में एकतरफा माहौल है - शोएब इकबाल
कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद शोएब इकबाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी में शामिल होने से मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. दिल्ली के अंदर भारतीय जनता पार्टी को हराने का काम आम आदमी पार्टी कर रही है. आम आदमी पार्टी सरकार ने पिछले पांच साल में बहुत अच्छे काम किए हैं. आज गरीब तबका, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग की आम आदमी पार्टी आवाज बन गई है. मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हम लोग दिल्ली के अंदर सरकार बनाएंगे. पिछली बार का भी रिकाॅर्ड तोड़ने का काम करेंगे. 49 दिन की सरकार में भी अरविंद केजरीवाल जी के काम को हमने देखा है.
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शोएब इकबाल ने कहा कि अरविंद जी के साथ हमने काम किया है. उनके काम करने का तरीका सबसे अलग है. दिल्ली के अंदर हमारी सीधी टक्कर भारतीय जनता पार्टी से है. भाजपा, जुमलों की सरकार है. आज उससे लोग परेशान हो गए हैं. इसकी मिसाल यह है कि महाराष्ट्र, हरियाणा या झारखंड में देखा जा सकता है वहां पर भाजपा का क्या हश्र हुआ है. भाजपा आज लोगों के दिलों दिमाग से हट चुकी है. दिल्ली का चुनाव एक तरफा हो चुका है. एकतरफा माहौल है. मैं यह आष्वासन देता हूं कि दिल्ली में हमारी सरकार बनेगी और पिछला भी रिकाॅर्ड तोड़ेगी.
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शोएब इकबाल कॉलेज के दिनों में ही छात्र राजनीति में सक्रिय
शोएब इकबाल कॉलेज के दिनों में ही छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे और ज़ाकिर हुसैन छात्र संघ में सचिव थे. शोएब इकबाल ने दिल्ली में अपना पहला विधानसभा चुनाव 1993 में जनता दल के टिकट पर लड़ा. बाद में वह जद (यू) में शामिल हो गए और पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा का नेतृत्व किए. वह मटिया महल विधानसभा सीट से 1993, 1998, 2003, 2008, 2013 में पांच बार चुनाव जीते. वह 2003 से 2008 तक विधानसभा के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्हें आम आदमी पार्टी के आसिम अहमद खान ने हराया था. वर्तमान में, वह कांग्रेस पार्टी में थें. वह बहुत साफ छवि वाले राजनेता हैं. उनपर कोई ऐसा पुलिस केस नहीं है, जिनमें उन्हें सजा हुई हो.
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