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राहुल गांधी ने बंगाल में जहां-जहां की रैली, वहां कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत जब्त 

West Bengal Assembly Election 2021: पश्चिम बंगाल में तीसरा मोर्चा कोई खास असर नहीं दिखा सका. इसके खाते में महज एक सीट ही आई. इसके करीब 85 फीसद उम्मीदवार तो अपनी जमानत भी नहीं बचा सके.  

Updated on: 03 May 2021, 02:54 PM

highlights

  • कांग्रेस को बंगाल चुनाव में मिले सिर्फ 2.94 फीसद वोट
  • राहुल गांधी ने दो सीटों पर की थी रैली, दोनों पर जमानत जब्त
  • कांग्रेस से 90 में से सिर्फ 11 प्रत्याशी बचा पाए जमानत

कोलकाता:

कांग्रेस एक बार फिर अपनी हार के सिलसिले को तोड़ने में नाकाम साबित हो रही है, जिसके चलते पार्टी का हाथ एक बार फिर से खाली रह गया. बंगाल में कांग्रेस के शर्मनाक प्रदर्शन अब सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस के खाते में एक भी सीट नहीं आई. यहां तक कि उसके 85 फीसद उम्मीदवारों क जमानत जब्त हो गई. इतना ही नहीं जिन दो सीटों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रैली की थी, वहां भी पार्टी की इज्जत नहीं बची. बताजा जा रहा है कि राहुल गांधी ने अपना पूरा ध्यान केरल के चुनाव में केंद्रित कर रखा था. इसका पार्टी को बंगाल में खामियाजा भी भुगतना पड़ा.

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जानकारी के मुताबिक तीसरे मोर्चे के उम्मीदवार चुनाव में सिर्फ 42 सीटों पर ही जमानत बचा पाए. सभी 292 सीटों पर लड़ने वाला तीसरा मोर्चे के एक सदस्य भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (ISF) ने अन्य दो सहयोगियों कांग्रेस और वामदलों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया. आईएसएफ के खाते में एक सीट आई है जबकि कांग्रेस और वामदलों के खाते में एक भी सीट नहीं आई है. पांच राज्यों की चुनावी रणनीति का संचालन पूरी तरह कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व और उनके करीबी पार्टी रणनीतिकारों के हाथ में ही रहा. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद होने के चलते विधानसभा चुनाव में उनकी साख दांव पर लगी थी. इसीलिए राहुल ने सबसे ज्यादा फोकस केरल के चुनाव प्रचार पर रखा था जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने खुद को असम के प्रचार में लगा रखा था 

जहां राहुल ने किया प्रचार वहां भी जमानत जब्त
बंगाल चुनाव में राहुल गांधी ने माटीगारा-नक्सलबाड़ी और गोलपोखर में 14 अप्रैल को रैलियां की थीं. वहां के उम्मीदवारों भी अपनी जमानत नहीं बचा पाए. कांग्रेस एक दशक तक माटीगारा-नक्सलबाड़ी पर काबिज थी, लेकिन मौजूदा विधायक शंकर मालाकार इस बार सिर्फ 9% वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे. गोलपोखर में भी कांग्रेस का उम्मीदवार सिर्फ 12% वोट पाकर तीसरे स्थान पर आया. गौरतलब है कि साल 2006 से साल 2009 तक और फिर साल 2011 से साल 2016 तक इस सीट से कांग्रेस का विधायक था.

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लेफ्ट का प्रदर्शन भी निराशाजनक
बंगाल चुनाव में लेफ्ट का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा. वामपंथी 170 सीटों में से सिर्फ 21 सीट पर अपनी जमानत बचा सके. 90 में से 11 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत बची और 30 में से 10 सीटों पर आईएसएफ के उम्मीदवारों की जमानत बची. आईएसएफ ने एक सीट जीती और चार में दूसरे नंबर पर आई. सभी चार निर्वाचन क्षेत्रों में ISF ने भाजपा को तीसरे नंबर पर धकेल दिया. इससे पता चलता कि थर्ड फ्रंट में फुरफुरा शरीफ के मौलवी अब्बास सिद्दीकी की नई पार्टी ही लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र था.