राजस्थान में एक चुनावी सभा के दौरान PM नरेंद्र मोदी ने अयोध्या मामले पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि जब अयोध्या का केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था तब कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य कहते हैं कि 2019 तक केस मत चलाओ. क्योंकि 2019 में लोकसभा चुनाव है. उन्होंने लोगों से सवाल करते हुए पूछा कि देश के न्यायतंत्र को इस तरह राजनीति में घसीटना उचित है क्या ?बता दें इस समय अयोध्या में राम मंदिर को लेकर धर्म सभा चल रही है.
उन्होंने कहा 'कांग्रेस पार्टी इतनी नीचे गिरती जा रही है कि उन्होंने राजनीति के संस्कार छोड़ दिए हैं, शिष्टाचार भूल गए हैं और चुनाव में विकास के मुद्दों पर बहस करने के लिए वे अपनी हिम्मत भी खो चुके हैं. कांग्रेस के पास चुनाव का मुद्दा नहीं हैं तो वो अब मोदी की जात पूछ रही है. कांग्रेस जातिवाद का जहर फैलाने से बाज नहीं आ रही है, कांग्रेस पार्टी जातिवाद के जहर में डूबी हुई है. दलितों और पिछड़ों के प्रति नफरत का भाव कांग्रेस की रगों में भरा पड़ा है.
मोदी यहीं नहीं रुके बोले- जब सुप्रीम कोर्ट का कोई जज अयोध्या जैसे संवेदनशील मसलों में देश को न्याय दिलाने की दिशा में सबको सुनना चाहता है तो कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य व वकील न्यायमूर्तियों के खिलाफ इंपीचमेंट लाकर उनको डराते हैं.
और पढ़ें- उत्तर भारतीयों को पीटने वाले भगवान राम की सेवा कैसे कर सकते हैं: बीजेपी विधायक
बता दें अयोध्या मामले की सुनवाई पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा कर रहे थे. उनके खिलाफ कांग्रेस की अगुवाई में सात विपक्षी दलों ने अप्रैल में राज्यसभा के सभापति एम.वेकैंया नायडू से मुलाकात कर मुख्य न्यायधीश (सीजेआई) को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव सौंपा था. इस प्रस्ताव पर बीएसपी, एसपी, सीपीआई, सीपीएम, मुस्लिम लीग और एनसीपी के 71 सांसदों ने हस्ताक्षर थे.
इसके बाद राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्षी दलों के महाभियोग नोटिस को खारिज कर दिया था. नायडू ने 'कदाचार' के संबंध में 'विश्वसनीय और सत्यापित' सूचना के अभाव के आधार पर नोटिस को खारिज किया था. महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को खारिज करने के फैसले को पूर्व कानून मंत्री और प्रसिद्ध वकील कपिल सिब्बल ने आड़े हाथों लेते हुए इसे 'जल्दबाजी में लिया गया फैसला' और अवैध व असंवैधानिक बताया था.
और पढ़ें- इन 10 प्वाइंट में जानिए कांग्रेस हिन्दू विरोधी है या नहीं
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई की बड़ी बातें
29 अक्टूबर को नई बेंच के गठन होने के बाद यह पहली सुनवाई थी. हालांकि सुनवाई एक बार फिर अगले साल जनवरी तक के लिए टल गई. CJI रंजन गोगोई ने स्पष्ट किया किया कि इस मामले में तुरंत सुनवाई नहीं होगी.
जानिए, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में क्या क्या हुआ:
- कोर्ट ने कहा, ‘जनवरी में यह तय होगा कि इसके लिए नई बेंच का गठन किया जाए या फिर वर्तमान बेंच ही मामले की सुनवाई करेगी.
- अयोध्या मामला सुप्रीम कोर्ट में 43 नंबर पर सूचीबद्ध था. कोर्ट ने सुनवाई अगले साल जनवरी तक के लिए टाल दी.
- जनवरी के पहले सप्ताह में अयोध्या मामले की सुनवाई की तारीख तय की जाएगी. जनवरी में ही तय किया जाएगा कि इसकी नियमित सुनवाई की जाए या नहीं.
- मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने स्पष्ट कहा कि अयोध्या विवाद पर तुरंत सुनवाई नहीं की जाएगी.
- रंजन गोगोई के चीफ जस्टिस बनने के बाद राम मंदिर मामले की सुनवाई के लिए तीन जजों की नई बेंच का गठन किया गया है, जिसमें सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस कौल और केएम जोसेफ शामिल हैं.
Source : News Nation Bureau