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इधर मौसम अपना मिजाज बदल रहा है और उधर सियासी पारा. मौसम के इस बदल रहे मिजाज से जहां लोग वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं तो वहीं सियासदां एक अलग तरह के वायरल से नासाज हैं. मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस ने भले ही अपने उम्मदवारों की लिस्ट जारी नहीं की हो, लेकिन उनकी लिस्ट आजकल सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है.
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मध्य प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से सोशल मीडिया पर जंग शुरू हो गई है. यह जंग उम्मीदवारों की सूची को लेकर शुरू हुई है.पहले कांग्रेस के उम्मीदवारों की सोशल मीडिया पर फर्जी सूची वायरल हुई और अब बीजेपी के 125 उम्मीदवारों की सूची वायरल होने से सियासी भूचाल आ गया.बीजेपी उम्मीदवारों की सूची सोशल मीडिया में वायरल होने से मध्य प्रदेश की सियासत का पारा चढ़ गया है.
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यह पारा उस दिन पहले चढ़ा जब कांग्रेस के 230 उम्मीदवारों की सूची वायरल हुई थी. इसको लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया. कांग्रेस ने उस समय फर्जी सूची के पीछे बीजेपी की डर्टी पॉलिटिक्स को जिम्मेदार बताया था, लेकिन अब जब बीजेपी के 125 उम्मीदवारों की फर्जी सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है तो बीजेपी ने इसके पीछे कांग्रेस की डर्टी पॉलिटिक्स को जिम्मेदार बताया है.
बीजेपी प्रत्याशियों की फर्जी लिस्ट के पीछे किसकी डर्टी पॉलिटिक्स है.इसे लेकर सवाल हो सकता है, लेकिन लिस्ट में सामने आए नामों से एक बात तो साफ है कि कहीं न कहीं चुनाव से पहले सियासत का साइकोलॉजिकल गेम भी शुरू हो गया है. लिस्ट कौन जारी कर रहा है यह किसी को नहीं पता, लेकिन फर्जी लिस्ट का ये खेल कई सवाल उठा रहा है.जैसे उम्मीदवारों के नाम में हो रही देरी की वजह से बेसब्री इसकी वजह है? क्या सियासी माइलेज के लिए विरोधी ऐसा कर रहे हैं? क्या फर्जी लिस्ट से विरोधी खेमे में फूट डालने की साजिश रची जा रही है?
Source : News Nation Bureau