उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिमंडल की पहली औपचारिक बैठक में बीजेपी सरकार की रुपरेखा सामने रखते हुए कहा कि उनकी सरकार बिना किसी भेदभाव के काम करेगी।
योगी आदित्यनाथ कट्टर हिंदुत्व की राजनीति करते रहे हैं और उनकी छवि एक कट्टर हिंदू नेता की ही रही है। योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद विपक्षी दल ने भी बीजेपी पर हिंदुत्व की राजनीति करने का आरोप लगाया था।
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लेकिन पहली बैठक में योगी ने प्रधानमंत्री मोदी के सबका साथ सबका साथ विकास के नारे को शासन का मूलमंत्र बनाते हुए यह कहने में देर नहीं की की उनका शासन बिना किसी भेदभाव के लिए सबके लिए उपलब्ध होगा।
इसके साथ ही योगी ने बीजेपी सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों को हिदायत जारी करते हुए अनावश्यक बयानबाजी से बचने की सलाह दे डाली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास का आधार कृषि होगा और किसी के साथ जाति औऱ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।
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योगी सरकार ने मथुरा से विधायक श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह को बीजेपी सरकार का आधिकारिक प्रवक्ता बनाया है।
मंत्रियों से मांगा संपत्ति का ब्यौरा
योगी ने अपने सभी मंत्रियों से आय के साथ चल और अचल संपत्तियों का ब्योरा पार्टी प्रेसिडेंट को देने को कहा है। यूपी के सभी मंत्रियों को 15 दिनों के भीतर संपत्ति का ब्योरा सौंपना होगा।
सरकार के प्रवक्ता शर्मा ने कहा, 'मंत्रियों को उनकी आय, चल औऱ अचल संपत्ति का ब्योरा 15 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री सचिव और संगठन को देने के लिए कहा गया है।'
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HIGHLIGHTS
- मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद योगी ने लगाई सबका साथ सबका विकास पर मुहर
- योगी ने कहा कि बीजेपी की सरकार में किसी के साथ किसी आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा
Source : News State Buraeu