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CM चन्नी की अब राज्पाल पुरोहित से ठनी, बीजेपी के दबाव का आरोप

चन्नी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह कर्मचारियों के वैध अधिकारों की रक्षा के लिए अपने कैबिनेट सहयोगियों और पार्टी विधायकों के साथ राजभवन के सामने धरना देने से नहीं हिचकेंगे.

Updated on: 02 Jan 2022, 01:33 PM

highlights

  • जरूरी काम की फाइलें दबा कर बैठे
  • बीजेपी के दबाव में काम कर रहे पुरोहित
  • राज्यपाल से सीधे-सीधे उलझे सीएम

चंडीगढ़:

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के संबंध में फाइल को मंजूरी देने में 'जानबूझकर' और 'अत्यधिक' देरी के लिए जिम्मेदार ठहराया. चन्नी ने शनिवार को स्पष्ट रूप से कहा कि राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं, लेकिन राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर वह राज्य भाजपा के राजनीतिक दबाव में काम कर रहे हैं. चन्नी ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्य सचिव और यहां तक कि उन्होंने खुद भी फाइल को मंजूरी देने के लिए राज्यपाल से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने सोचा था कि राज्यपाल कहीं और व्यस्त हो सकते हैं, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि वह अनावश्यक रूप से फाइल पर बैठे हैं.

फाइलें दबाने का लगाया आरोप
चन्नी ने कहा, 'यह कई कर्मचारियों के भविष्य का सवाल है जो राज्य सरकार में काम करने वाले अपने साथियों के समान उनकी सेवाओं के नियमित होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.' मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने इन संविदा कर्मचारियों को अत्यधिक सावधानी से नियमित करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सभी तौर-तरीकों पर पूरी तरह से काम करने के बाद विधानसभा के विशेष सत्र में पहले ही इस कानून को पारित कर दिया गया है. चन्नी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह कर्मचारियों के वैध अधिकारों की रक्षा के लिए अपने कैबिनेट सहयोगियों और पार्टी विधायकों के साथ राजभवन के सामने धरना देने से नहीं हिचकेंगे.

क्रांतिकारियों के योगदान को किया याद
इससे पहले चन्नी ने सत्ता में 100 दिनों के दौरान अपनी सरकार द्वारा की गई प्रमुख जन-समर्थक पहलों को रेखांकित किया, जैसे कि भगवान वाल्मीकि, गुरु रविदास, भगत कबीर, भगवान परशुराम, भाई जैता (बाबा जीवन सिंह), बी.आर. अंबडेकर और भाई माखन शाह लुबाना जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों के नाम पर कई शोध प्रकोष्ठ स्थापित करना. इसके अलावा तीन महाकाव्यों - रामायण, महाभारत और भगवद गीता के लिए विशेष शोध केंद्र स्थापित करना. शहीद उधम सिंह सुनाम के नाम पर एक और शोध प्रकोष्ठ स्थापित करने के सवाल के जवाब में चन्नी ने आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रतिष्ठित क्रांतिकारी के महान योगदान को मान्यता देने के लिए एक शोध प्रकोष्ठ स्थापित करने के लिए वह निश्चित रूप से इस मुद्दे को परखेंगे.

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रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे अवसर
चन्नी ने बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के प्रयासों को तेज करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार पहले से ही रोजगार गारंटी योजना को लागू करने के एक उन्नत चरण में है, जिसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी, क्योंकि इस संबंध में तौर-तरीकों को पहले ही मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न शहरी स्थानीय निकायों में अनुबंध पर काम कर रहे 4,587 सफाई सेवकों और सीवर कर्मियों की सेवाओं को नियमित करने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है, क्योंकि इस संबंध में अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है.