West Bengal Election: चौरंगी विधानसभा सीट लहराएगा किसका परचम, जानें पूरा हाल
इस विधानसभा सीट से मौजूदा टीएमसी के नयना बंद्योपाध्याय जीतकर विधानसभा पहुंचीं हैं. नयना बंद्योपाध्याय ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में अपने निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी सोमेंद्रनाथ मित्रा को भारी अंतर से हराया था.
चौरंगी:
चौरंगी विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल जिले से आती है यह राज्य की प्रमुख विधानसभा सीटों में से एक है. इस विधानसभा सीट से मौजूदा टीएमसी के नयना बंद्योपाध्याय जीतकर विधानसभा पहुंचीं हैं. नयना बंद्योपाध्याय ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में अपने निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी सोमेंद्रनाथ मित्रा को भारी अंतर से हराया था.
आपको बता दें कि साल 2016 में हुए चौरंगी विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुल दो लाख सात हजार चार सौ (207400) मतदाता थे. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में चौरंगी विधानसभा सीट से कुल एक लाख सोलह हजार पांच सौ छियाछठ (116566) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. पश्चिम बंगाल की इस विधानसभा सीट पर 61.08 फीसदी पुरुष मतदाता हैं, जबकि 38.92 फीसदी महिला मतदाता हैं.
चौरंगी विधानसभा सीट मौजूदा समय सत्तारूढ़ दल टीएमसी के हाथों में है. नयना बंद्योपाध्याय ने पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए चौरंगी विधानसभा सीट से अपने निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी सोमेंद्रनाथ मित्रा को 13,260 मतों से करारी शिकस्त दी थी, वहीं इस चुनाव में तीसरे नंबर पर 15,707 वोटों के साथ बीजेपी उम्मीदवार रीतेश तिवारी थे, जबकि यहां पर भी 2,183 वोटों के साथ चौथे स्थान पर नोटा रहा.
साल 2016 में ऐसी रही वोटिंग
चौरंगी विधानसभा सीट पर साल 2016 में में कुल 56 फीसदी मतदान हुआ था. साल 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की नयना बंद्योपाध्याय ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के सोमेंद्रनाथ मित्रा को 13,260 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. चौरंगी विधानसभा सीट कोलकाता उत्तर के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं सुदीप बंद्योपाध्याय, जो ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से हैं. उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राहुल सिन्हा को 127095 से हराया था.
बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है, मुकुल रॉय, शुभेन्दु अधिकारी सहित टीएमसी के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इस लिहाज से अब जनता ही पश्चिम बंगाल की सियासत का परिणाम बताएगी.
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