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छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा के इस गांव में आजादी के बाद पहली बार होने जा रहे हैं चुनाव

दंतेवाड़ा के गांव काटेम में स्वतंत्रता के बाद पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं. गांव में पोलिंग बूथ पर तैयारी जारी हैं. बता दें दंतेवाड़ा एक नक्सल प्रभावित इलाका है.

Updated on: 31 Oct 2018, 09:14 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ में होने जा रहे विधान सभा चुनावों की तैयारी कर ली गई है. नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में चुनाव करना निर्वाचन आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती होती है. आयोग के सामने दो बड़ी चुनौतियां होती हैं कि वह शांति पूर्वक चुनाव संपन्न करवा सके. इसके साथ ही निर्वाचन आयोग पर यह भी दबाव होता है कि वह यह सुनिश्चित कर सके कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग वोट डालने आए. इन सब के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है कि दंतेवाड़ा के गांव काटेम में स्वतंत्रता के बाद पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं. गांव में पोलिंग बूथ लगा दिये गए है और तैयारी जारी हैं. बता दें दंतेवाड़ा एक नक्सल प्रभावित इलाका है.

नवंबर में होने जा रहे विधान सभा चुनावों के लिए काटेम गांव के लोग काफी उत्साहित दिखें. पोलिंग बूथ के आस-पास मौजूद लोगों ने बताया कि 'हम अपना वोट जरूर डालेंगे'. वहीं काटेम पुलिस स्टेशन प्रभारी ने बताया कि, 'हम जानते हैं कि यह चुनौतिपूर्ण है, पर हम पूरी तरह तैयार हैं. गांववाले हमसे जुड़ रहे हैं.'

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मंगलवार को ही चुनाव से ठीक पहले दंतेवाड़ा एक बड़ा नक्सली हमला हुआ है. इस हमले में 2 जवान शहीद हो गए और दूरदर्शन के 1 कैमरापर्सन की भी मौत हो गई. ऐसे में छत्तीसगढ़ प्रशासन और पुलिस पर बड़ी जिम्मेदारी होगी कि वह राज्य में शांतिपूर्वक चुनावों को संपन्न करें.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. राज्य में पहले चरण में 18 सीटों पर 12 नवंबर को वोटिंग होगी, इसके बाद दूसरे चरण में 72 विधानसभा क्षेत्रों में 20 नवंबर को चुनाव होंगे. मतदान की गिनती 11 दिसंबर को होगी.