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Assembly Election: अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में मतगणना की तारीखों में बदलाव, जानें क्या है नई ​तिथि

Assembly Election: यहां पर वोटों की गिनती 4 जून को होने वाली थी. अब इसमें बदलाव किया गया है।

Updated on: 18 Mar 2024, 06:19 AM

नई दिल्ली:

Assembly Election: लोकसभा चुनाव के साथ अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव होने वाले है. मगर दोनों प्रदेशों में मतगणना की तारीखों में बदलाव किया गया है. अब वोटों की गिनती दो जून को होगी. आपको बता दें दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 19 अप्रैल को होगी. अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम दोनों राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 02 जून 2024 को खत्म हो रहा है. चुनाव आयोग ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तिथियों का ऐलान किया था. यहां पर सभी 60 सीटों के लिए एक ही चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इन वोटों की गिनती पहले 4 जून को होनी थी. मगर अब इसमें फेरबदल किया गया है. अब काउंटिंग दो जून को होनी है. 

भाजपा अरुणाचल प्रदेश की सभी 60 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. इस बार पार्टी ने 16 नए चेहरों को मौका दिया है. वहीं तीन मौजूदा मंत्रियों के टिकट काटे गए हैं. सीएम पेमा खांडू मुक्तो सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इसका वह वर्तमान सदन में प्रतिनिधित्व करते हैं.

सिक्कम में भी चुनाव आयोग ने आम चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम साथ रखा था. यहां पर एक ही चरण्ण में 19 अप्रैल को मतदान डाले जाने वाले हैं. यहां पर 2 जून को मतगणना होगी. वर्तमान में विधानसभा का कार्यकाल 2 जून, 2024 को खत्म होने जा रहा है. 32 सीटों वाली विधानसभा में इस समय सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के प्रेम सिंह तमांग सीएम हैं. 

जानें किसकी है सूबे में सरकार 

सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) की इस समय में राज्य में सरकार है. मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की अगुवाई में सिक्किम विधानसभा में उनके विधायकों की संख्या 17 है. सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) ने कुछ दिन पहले ही 6 सीट के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग रिकॉर्ड नौवीं बा विधायक बनने के लिए नामची-सिंघिथांग से इलेक्शन लड़ेंगे. 

लोकसभा चुनाव 2019 में यहां पर एक चरण में 11 अप्रैल को मतदान किया गया था. यहां पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया. 25 वर्षों तक सिक्किम में प्रमुख पार्टी होने के बावजूद एसडीएफ ने 15 सीटें हासिल की. वहीं एसकेएफ ने 17 सीटें हासिल की थीं. इतनी सीटें विधानसभा में बहुमत के लिए काफी थीं. इसके बाद एसकेएम के प्रेम सिंह तमांग (पी.एस. गोले) ने सिक्किम के सीएम रूप में शपथ ली.