पार्टी को हर मुश्किल से निकालने वाले पॉलिटिकल मैनेजर हैं बृजमोहन अग्रवाल, जानें सियासी सफर
Brijmohan Agrawal : 1 मई 1959 को रायपुर में रामजीलाल के घर में बृजमोहन अग्रवाल का जन्म हुआ था. 7 बार के विधायक रहे बृजमोहन अग्रवाल को भाजपा ने 8वीं बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है. रायपुर दक्षिण से पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को टिकट दिया गया है
नई दिल्ली:
Brijmohan Agrawal : छत्तीसगढ़ की राजनीति में अगर कोई सबसे अधिक लोकप्रिय नेता माना जाता है तो वह है बीजेपी के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल. पार्टी को हर मुश्किल से उबारने वाले पॉलिटिकल मैनेजर के तौर पर भी बृजमोहन अग्रवाल को जाना जाता है. 1 मई 1959 को रायपुर में रामजीलाल के घर में बृजमोहन अग्रवाल का जन्म हुआ था. 7 बार के विधायक रहे बृजमोहन अग्रवाल को भाजपा ने 8वीं बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है. रायपुर दक्षिण से पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को टिकट दिया गया है.
सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की इच्छा उनके अंदर बचपन से ही थी. स्कूली शिक्षा के दौरान ही वो समाज सेवा के कार्यों में हाथ बंटाते थे. जनसेवा की भावना हमेशा उनके मन में रही. यही उनकी पहचान और आज तक जीत की बड़ी वजह भी है. कॉमर्स और आटर्स विषयों से पोस्ट ग्रुजेएट करने वाले अग्रवाल ने एलएलबी की डिग्री हासिल की है. छात्र जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य बनकर छात्रहित में संघर्षरत हैं. वे रायपुर के दुर्गा महाविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष, रविशंकर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के प्रतिनिधि, विवि छात्रसंघ के सलाहकार व कल्याण महाविद्यालय भिलाई के अध्यक्ष रहे.
मध्य प्रदेश विधानसभा से मिल चुका है सम्मान
छात्रों को नेतृत्व करने वाले बृजमोहन अग्रवाल अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांतों और विचारों से प्रभावित होकर 1978 में जनसंघ की सदस्यता ग्रहण की थी. इसके बाद वो राजनीति मैदान में उतर गए. इनकी सक्रियता एवं कार्यशैली को देखते हुए मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा ने इन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया. वे भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे. अविभाजित मध्य प्रदेश में बीजेपी ने उन्हें वर्ष 1990 में रायपुर नगर क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत हासिल की. उनकी मेहनत और लगने को देखते हुए मध्यप्रदेश के तात्कालीन मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर स्थानीय शासन एवं नगरीय कल्याण राज्य मंत्री बनाया. इसके बाद उन्हें कई और जिम्मेदारी भी सौंपी गई.
बीजेपी ने 1993 और 1998 में अग्रवाल को फिर से मैदान में उतारा. अग्रवाल अविभाजित मप्र में भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक रहे हैं. मध्यप्रदेश विधानसभा ने बृजमोहन अग्रवाल की संसदीय ज्ञान, व्यवहार, कार्य क्षमता और समस्याओं के निदान को देखते हुए उन्हें 1997 में उत्कृष्ट विधायक घोषित किया. छत्तीसगढ़ विधानसभा में लोक लेखा समिति, कार्यमंत्रणा समिति व विशेषाधिकार समिति के सदस्य रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल नेहरू युवा केंन्द्र के छत्तीसगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष रहे हैं.
रमन कैबिनेट में कई मंत्रालयों की संभाल चुके हैं जिम्मेदारी
छत्तीसगढ़ में पहली बार वर्ष 2003 में जब चुनाव हुआ तो बीजेपी प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की. अग्रवाल चौथी बार बीजेपी के टिकट से चुनाव जीते. उसके बाद रमन कैबिनेट में अग्रवाल को मंत्री गृह, जेल, श्रम, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व बनाए गए. इसके बाद उन्हें महत्वपूर्ण विभाग राजस्व एवं पुनर्वास, विधि एवं विधायी, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री बनाए गए. वर्ष 2006 में अतिरिक्त प्रभार वन, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री बनाए गए.
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