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Bihar Assembly Election 2020: बोधगया की जनता क्या दोबारा RJD को देगी मौका या दोहराएगी इतिहास?

बोधगया विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है जहां कोई भी विधायक दोबार सीट हासिल नहीं कर पाया है. किसी भी उम्मीदवार का सपना दो बार विधायक बनने का पूरा नहीं हो पाया है.

Updated on: 04 Nov 2020, 05:50 PM

नई दिल्ली :

बोधगया विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है जहां कोई भी विधायक दोबार सीट हासिल नहीं कर पाया है. किसी भी उम्मीदवार का सपना दो बार विधायक बनने का पूरा नहीं हो पाया है. पिछली बार विधानसभा चुनाव 2015 में आरजेडी के कुमार सरवजीत विधायक बने थे.

साल 2010 में बीजेपी के श्याम देव पासवान ने सीट पर कब्जा किया था. लेकिन साल 2015 में बीजेपी अपनी सीट नहीं बचाई पाई और आरजेडी की झोली में यह सीट चली गई.

बोधगया में दोबारा विधायकों को नहीं मिला मौका

बोधगया सीट के इतिहास को खंगाले तो पता चलता है कि पिछले 59 वर्षों में किसी एक व्यक्ति को बोधगया से लगातार दो बार विधायक बनने का रिकार्ड नहीं हैं. 1957 और 1962 तक बोधगया सामान्य सीट थी. 1957 में हुए चुनाव में शांति देवी और 1962 में कुलदीप महतो ने जीत हासिल की.

1967 में यह सीट सुरक्षित हो गई. इस बार यहां से आर मांझी ने जीत हासिल की. 1969 में काली राम, 1972 में बालिक राम बोधगया से विधायक चुने गए.

बोधगया की इनलोगों ने संभाली कमान

1977 में राजेश कुमार बोधगया से विधायक चुने गए. 1980 के विधानसभा चुनाव में सीपीआई के टिकट पर बालिक राम चुनाव जीते. 1985 में पुन: राजेश कुमार जनता दल से विजय हुए. 1990 में एकबार फिर बालिक राम ने रिकार्ड जीत दर्ज की. 1995 में निर्दलीय उम्मीदवार मालती देवी यहां की विधायक चुनी गईं. कुछ माह तक विधायक रहने के बाद आरजेडी ने उन्हें नवादा से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया और वो चुनाव जीत गईं. 1998 के उप चुनाव में जी एस रामचन्द्र दास ने सीट पर कब्जा जमाया.

साल 2010 में बीजेपी के श्याम देव पासवान ने फतह हासिल की. लेकिन साल 2015 में आरजेडी के कुमार सरवजीत ने बाजी मार ली.

मतदाता की संख्या

इस इलाके में कुल मतदाताओं की संख्या 288981 है. जिसमें 52 प्रतिशत पुरुष है वहीं 47 प्रतिशत महिलाएं. पिछले चुनाव में 57 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. 165409 लोगों ने वोट डाले थे. यहां 314 पोलिंग बूथ हैं.

बोधगया विधानसभा के चुनावी मुद्दे

शांति का संदेश देने वाले बोधगया में गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई. दुनिया में शायद ही कोई ऐसा देश होगा, जहां के सैलानी यहां नहीं आते. लेकिन पर्यटन के लिहाज से इसे और बढ़ावा देने की जरूरत है. ग्रामीण इलाकों में अभी भी बिजली की समस्या है. सिंचाई भी इस इलाके की मुख्य समस्याओं में से एक है.