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बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

Updated on: 19 Jan 2020, 05:17 PM

नई दिल्ली:

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं का कहना है कि बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में धांधली की है. उनलोगों का कहना है कि पार्टी के प्रति समर्पित लोगों को टिकट नहीं मिला. बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को 57 सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी. जारी लिस्ट में बीजेपी ने कई नेताओं के नाम काट दिया था.

2015 विधानसभा चुनाव में जिस उम्मीदवार को टिकट मिला था, उसे इस बार मौका नहीं मिला. इससे कई नेता खफा हो गए हैं. बीजेपी ने इस बार कई युवा नेताओं को मौका दिया है. जिन नेताओं को टिकट मिलने की उम्मीद थी, उसे नहीं मिला तो, उन्होंने पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. साथ ही आरोप लगाया कि पार्टी ने सही तरीके से टिकट वितरण नहीं किया है. टिकट बंटवारे में धांधली की गई है.

साथ ही बीजेपी की इस लिस्ट में एक भी मुस्लिम उम्मीदवारों का नाम नहीं है. सबका साथ सबका विकास का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी अक्सर राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने इस नारे से किनारा करती हुई दिखाई दे रही है. बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सूची में किसी भी मुस्लिम चेहरे को टिकट नहीं दिया हो. इसके पहले मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने महज एक मुस्लिम उम्मीदवार को ही टिकट दिया था. वहीं अभी तक बीजेपी ने नई दिल्ली सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इस सीट से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी हैं.

भारतीय जनता पार्टी की रणनीति को देखे तो उनकी रणनीति दिल्ली विधानसभा चुनाव में साफ तौर पर दिखाई दे रही है. बीजेपी दिल्ली विधानसभा में हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहती है. ऐसा भी नहीं है कि बीजेपी में मुस्लिम फेस की कमी है. अगर पार्टी में हम केंद्रीय नेतृत्व की बात करें तो इनमें से कई बड़े मुस्लिम चेहरे लोगों की जेहन में आते हैं. इस पार्टी में एम जे अकबर, मुख़्तार अब्बास नकवी, शहनवाज हुसैन जैसे बड़े चेहरे हैं. ऐसा नहीं है कि बीजेपी ने यह पहली बार किया हो कि किसी भी मुस्लिम कैंडिडेट को चुनावी मैदान में उतारने से किनारा किया हो. आइये आपको बताते हैं कुछ और राज्यों में भी बीजेपी ऐसा प्रयोग कर चुकी है.