मुकुल रॉय: ममता के साथ मिलकर बनाई थी TMC, बात बिगड़ी को BJP में हुए थे शामिल
पश्चिम बंगाल में एक बड़ी राजनीतिक पहचान रखने वाले मुकुल रॉय ने कांग्रेस पार्टी के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. इस दौरान वे ममता बनर्जी के काफी नजदीक आए.
highlights
- 17 अप्रैल 1954 को उत्तर 24 परगना में हुआ था मुकुल का जन्म
- यूथ कांग्रेस से की थी राजनीति की शुरुआत
- ममता बनर्जी के साथ मिलकर बनाई थी टीएमसी
- साल 2017 में बीजेपी में हुए थे शामिल
नई दिल्ली:
इस साल भारत के 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. 5 जगहों पर हो रहे चुनावों में पश्चिम बंगाल का चुनाव सबसे बड़ा माना जा रहा है क्योंकि यहां पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सीधी टक्कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है. कभी बंगाल में राज करने वाली कम्यूनिस्ट पार्टी का इस बार कोई खास जलवा देखने को नहीं मिल रहा है, लिहाजा इस बार सभी की नजरें टीएमसी और बीजेपी पर ही टिकी हुई हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में बीजेपी नेता मुकुल रॉय एक बड़ा चेहरा हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में मुकुल रॉय नदिया जिले के कृष्णानगर उत्तर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. पश्चिम बंगाल की राजनीति में मुकुल रॉय का जबरदस्त जलवा है. आइए जानते हैं, कैसा रहा मुकुल रॉय का राजनीतिक सफर.
जीवनी
मुकुल रॉय का जन्म 17 अप्रैल 1954 को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में हुआ था. उनके पिता जुगल नाथ रॉय और माता रेखा रॉय इस दुनिया में नहीं हैं. उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई की, इसके बाद मदुरै कामराज विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. सामाजिक कार्यों में रुचि रखने वाले मुकुल का राजनीति की ओर झुकाव बढ़ने लगा.
राजनीतिक सफर
पश्चिम बंगाल में एक बड़ी राजनीतिक पहचान रखने वाले मुकुल रॉय ने कांग्रेस पार्टी के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. इस दौरान वे ममता बनर्जी के काफी नजदीक आए, क्योंकि वे भी उस समय यूथ कांग्रेस का हिस्सा हुआ करती थीं. ममता बनर्जी ने जब कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस पार्टी का गठन किया, उस वक्त मुकुल रॉय भी पार्टी के प्रमुख संस्थापक सदस्यों में से एक थे. टीएमसी ने मुकुल रॉय को साल 2006 में राज्यसभा का सदस्य चुना. इसके बाद वे साल साल 2012 में लगातार दूसरी बार राज्यसभा के सांसद बने. मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें जहाजरानी मंत्री और फिर उसके बाद रेल मंत्री बनाया गया.
कुछ समय के बाद मुकुल रॉय और पार्टी चीफ ममता बनर्जी के बीच अनबन होनी शुरू हो गई. साल 2017 में मुकुल को बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ मुलाकात करने की वजह से टीएमसी ने 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया. पार्टी के इस रवैये को देखते हुए मुकुल रॉय ने टीएमसी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने राज्यसभा से भी इस्तीफा दे दिया. टीएमसी छोड़ने के बाद मुकुल रॉय ने 2017 में ही बीजेपी जॉइन कर ली. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने मुकुल रॉय को पश्चिम बंगाल का संयोजक बना दिया और फिर साल 2020 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया.
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