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राजीव बनर्जी: ममता बनर्जी सरकार में कई सालों तक रहे मंत्री, अब BJP के लिए लड़ेंगे चुनाव

राजीव बनर्जी का जन्म 18 मई 1967 को हुआ था. राजीव बनर्जी एक शिक्षित राजनेता हैं, जो पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बड़ा चेहरा हैं.

Updated on: 26 Mar 2021, 04:03 PM

highlights

  • 18 मई 1967 को हुआ था राजीव बनर्जी का जन्म
  • TMC की टिकट पर दो बार जीता विधानसभा चुनाव
  • 30 जनवरी 2021 को BJP में हुए थे शामिल

नई दिल्ली:

इस साल भारत के 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. 5 जगहों पर हो रहे चुनावों में पश्चिम बंगाल का चुनाव सबसे बड़ा माना जा रहा है क्योंकि यहां पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सीधी टक्कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है. कभी बंगाल में राज करने वाली कम्यूनिस्ट पार्टी का इस बार कोई खास जलवा देखने को नहीं मिल रहा है, लिहाजा इस बार सभी की नजरें टीएमसी और बीजेपी पर ही टिकी हुई हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में बीजेपी नेता राजीव बनर्जी एक बड़ा चेहरा हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में राजीव बनर्जी हावड़ा जिले के दोमजुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. पश्चिम बंगाल की राजनीति में राजीव बनर्जी एक बड़ा चेहरा हैं. आइए जानते हैं, कैसा रहा राजीव बनर्जी का राजनीतिक सफर.

जीवनी
राजीव बनर्जी का जन्म 18 मई 1967 को हुआ था. राजीव बनर्जी एक शिक्षित राजनेता हैं, जो पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बड़ा चेहरा हैं. राजीव बनर्जी ने साल 1988 में सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और 1990 में सेंट जेवियर्स कॉलेज से कंप्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा किया. इसके बाद उन्होंने 1995 में IIME से पोस्ट ग्रेजुएशन किया और एमबीए की डिग्री प्राप्त की. पढ़ाई पूरी करने के बाद राजीव बनर्जी का राजनीति की ओर झुकाव बढ़ गया.

राजनीतिक सफर
उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद राजीव बनर्जी ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस जॉइन कर ली. उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2011 और 2016 में लगातार दो बार दोमजुर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की. राजीव बनर्जी को ममता बनर्जी सरकार ने कैबिनेट मंत्री भी बनाया. वे अपने दो कार्यकाल में करीब 8 साल तक मंत्री पद पर जिम्मेदारी निभाई. हालांकि, समय के साथ-साथ राजीव बनर्जी और ममता बनर्जी के बीच रिश्तों में कड़वाहट आती चली गई. नतीजन, राजीव ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से ठीक पहले 29 जनवरी 2021 को टीएमसी छोड़ी दी और अगले ही दिन यानि 30 जनवरी को वे बीजेपी में शामिल हो गए.