logo-image

'भाजपा ने आफस्पा को ‘संगठित हिंसा’ कानून में बदल दिया'

कांग्रेस के मणिपुर प्रभारी भक्त चरण दास ने रविवार को भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नागरिकों को निशाना बनाने के लिए आफस्पा को भाजपा सरकार ने संगठित हिंसा कानून में बदल दिया है.

Updated on: 20 Feb 2022, 06:04 PM

इंफाल:

कांग्रेस के मणिपुर प्रभारी भक्त चरण दास ने रविवार को भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नागरिकों को निशाना बनाने के लिए आफस्पा को भाजपा सरकार ने संगठित हिंसा कानून में बदल दिया है. इसके साथ ही उन्हेंने इसे निरस्त करने की मांग की. चऱण दास ने कहा कि आफस्पा मणिपुर में बड़ा मुद्दा है, लेकिन भाजपा लोगों के विचारों का सम्मान नहीं करती है. कांग्रेस ने भाजपा की अपने चुनाव घोषणा पत्र में इस कानून पर चुप्पी पर निशाना साधा. इसके साथ ही कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वह मणिपुर विधानसभा चुनाव में जीतकर सत्ता में आती है तो आफस्पा  कोनिरस्त कर दिया जाएगा.
 

इसके साथ ही  कांग्रेस के मणिपुर प्रभारी ने विश्वास जताया कि पार्टी राज्य में सरकार बनाएगी और उसे 60 सदस्यीय विधानसभा में करीब 35-40 सीटें मिलेंगी.
दास ने दावा किया कि भाजपा मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर बहुत मजबूत है, क्योंकि वह एक भी चुनावी वादा पूरा करने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की सोच वाला राज्य है. अब से पहले यहां लगातार तीन बार कांग्रेस सरकार रही है, जो दिखाता है कि राज्य में कांग्रेस की नींव मजबूत है. भाजपा जनादेश से सत्ता में नहीं आई, बल्कि एक तरह का प्रबंधन करके आई और अवैध रूप से अब भी सत्ता में बनी हुई है. दास ने आरोप लगाया कि आफस्पा विशुद्ध रूप से एक संगठित हिंसा का कानून है. आफस्पा अपने शुरुआती स्तर पर अलग था, लेकिन अब यह नागरिकों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देता है. ये लोग (भाजपा) इसे नागरिकों के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहते हैं. वे सत्ता में बने रहने के लिए आतंक का माहौल बनाए रखना चाहते हैं.


उन्होंने दावा किया कि भाजपा के बड़े नेताओं जैसे कि पार्टी प्रमुख जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बार-बार दौरा करना यह दिखाता है कि उनकी स्थिति कमजोर है. कांग्रेस 54 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है और उसने पांच अन्य राजनीतिक दलों से हाथ मिलाया है. यहां दो चरणों में 28 फरवरी और पांच मार्च को मतदान होगा. मतगणना 10 मार्च को होगी.