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राजस्थान चुनाव : बीजेपी ने मंत्री सुरेंद्र गोयल सहित 11 बागियों को 6 साल के लिए पार्टी से किया निष्कासित

बीजेपी ने 11 लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशियों के विरुद्ध चुनाव लड़ने के कारण इन 11 बागी सदस्यों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है.

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saketanand gyan
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राजस्थान चुनाव : बीजेपी ने मंत्री सुरेंद्र गोयल सहित 11 बागियों को 6 साल के लिए पार्टी से किया निष्कासित

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)

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राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घटनाक्रम रोमांचक होता जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 11 लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशियों के विरुद्ध चुनाव लड़ने के कारण इन 11 बागी सदस्यों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है.

इनमें जैतारण विधानसभा से सुरेन्द्र गोयल, मारवाड़ जंक्शन से लक्ष्मीनारायण दबे, श्रीगंगानगर से राधेश्याम गंगानगर, थानागाजी से हेमसिंह भड़ाना, रतनगढ़ से राजकुमार रिणवां, सुजानगढ़ से रामेश्वर भाटी, विराटनगर से कुलदीप धनकड़, फुलेरा से दीनदयाल, श्रीडूंगरगढ़ से किशनाराम नाई, बांसवाडा से धनसिंह रावत, डूंगरपुर से अनिता कटारा शामिल हैं.

गौरतलब है कि बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद से ही पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया था, क्योंकि कई दिग्गज नाम चुनाव के लिए टिकट पाने में विफल रहे थे. राज्य सरकार में मंत्री सुरेंद्र गोयल ने राजस्थान इकाई के अध्यक्ष मदनलाल सैनी को इस्तीफा भेज दिया था. गोयल ने इस्तीफे में कहा था कि वह बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं. वे बीजेपी से पांच बार विधायक रहे हैं.

बीजेपी के पूर्व महासचिव कुलदीप धनकड़ ने भी चुनाव में उपेक्षित किए जाने के बाद पार्टी छोड़ दी थी. इसके अलावा नागौर से विधायक हबीबुर रहमान ने भी पार्टी छोड़ दी थी.

बता दें कि इससे पहले पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश में भी बीजेपी ने 53 बागियों को पार्टी से बाहर का रास्‍ता दिखाया था. इनमें से अधिकतर पहले ही पार्टी छोड़कर चुनाव मैदान में या तो कांग्रेस की टिकट पर या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. मध्य प्रदेश में पार्टी से बाहर किए गए नेताओं में सरताज सिंह, रामकृष्ण कुष्मारिया, नरेंद्र कुशवाहा, समीक्षा गुप्ता, लता मस्की, धीरज पटेरिया, राजकुमार यादव के नाम शामिल हैं.

टिकट न मिलने से नाराज नेताओं पर बीजेपी की यह तीखी कार्रवाई दिखाती है कि पार्टी चुनावों में किसी भी तरह से बागियों को बर्दाश्त नहीं करने वाली है.

और पढ़ें : राजस्थान चुनाव: बागी विधायक ज्ञानदेव आहूजा की बीजेपी में वापसी, पार्टी ने बनाया सूबे का उपाध्यक्ष

इसी साल अजमेर और अलवर लोकसभा सीट और एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों में कांग्रेस को मिली बड़ी जीत के बाद बीजेपी को कड़ी टक्कर मिल रही है. उपचुनाव वाली सभी सीटें बीजेपी नेताओं के कब्जे वाली थी.

राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में 2013 में भाजपा 163 सीटों पर चुनाव जीती थी. जबकि कांग्रेस के पास महज़ 25 सीटें ही बची थीं. इसके अलावा अन्य को 7 सीट, बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) को 2 सीट और एनपीईपी (नेशनल पीपल्स पार्टी) को 1 सीट, एनयूजेडपी (नेशनल यूनियनिस्ट जमींदार पार्टी) को 2 सीटों पर जीत मिली थी.

और पढ़ें : राजस्थान में बीजेपी को नहीं मिल रही बढ़त, कांग्रेस को मिल सकती है इतनी सीट

चुनाव प्रक्रिया के लिए 12 नवंबर को अधिसूचना जारी की गई थी. नामांकन की अंतिम तिथि 19 नवंबर, नामांकन पत्रों की जांच 20 नवंबर और नामांकन पत्रों की वापसी की तिथि 22 नवंबर तय की गयी थी. चुनाव एक चरण में 7 दिसंबर को होने हैं और नतीजों की घोषणा 11 दिसंबर को की जाएगी.

Source : News Nation Bureau

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