उत्तरप्रदेश,गुजरात के बाद राजस्थान में भी हिंदुत्व की राह पर बीजेपी, 162 उम्मीदवारों में एक भी मुसलमान को नहीं दिया टिकट

राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों में से बीजेपी ने दो सूचियों के जरिए 162 पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं मगर अब तक एक भी मुसलमान को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया है.

राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों में से बीजेपी ने दो सूचियों के जरिए 162 पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं मगर अब तक एक भी मुसलमान को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया है.

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Sunil Mishra
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उत्तरप्रदेश,गुजरात के बाद राजस्थान में भी हिंदुत्व की राह पर बीजेपी, 162 उम्मीदवारों में एक भी मुसलमान को नहीं दिया टिकट

प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों में से बीजेपी ने दो सूचियों के जरिए 162 पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं मगर अब तक एक भी मुसलमान को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया है. माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात के बाद अब राजस्थान में भी बीजेपी फिर से हिंदुत्व का कार्ड खेलने की तैयारी में दिख रही है. पार्टी मौजूदा विधायक हबीबुर्रहमान का टिकट काटकर कुछ ऐसे ही संकेत दे रही है.

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राजस्थान का सियासी संग्राम तेज होता जा रहा है. बीजेपी और कांग्रेस हर हाल में सत्ता पर काबिज काबिज होने के लिए हर दांवपेच खेल रही हैं. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के सियासी ट्रेंड को बदलकर एक बार फिर कमल खिलाने की कवायद में जुटी है तो वहीं कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए छटपटा रही है. ऐसे में इस सियासी संग्राम में टिकट पर बहुत कुछ दारोमदार टिका हुआ है.

लिहाजा भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से बाजी मारते हुए 162 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दी मगर यह सूची सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गई है. वजह 162 उम्‍मीदवारों में से एक भी अल्पसंख्यक प्रत्याशी नहीं है. इसको लेकर कांग्रेस का आरोप है यह भारतीय जनता पार्टी का चाल, चरित्र और चेहरा उजागर हो रहा है. बीजेपी सबका साथ, सबका विकास का दावा तो करती है मगर हकीकत यह है कि सत्ता पाने के लिए हर हथकंडा अपनाती है. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने आरोप लगाया कि राजस्थान में बीजेपी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने में जुटी है मगर राजस्थान की जनता उनकी इस चाल को कामयाब नहीं होने देगी. वहीं बीजेपी के एमएलए नरपत सिंह राजवी का कहना है मुसलमान हमारे कार्यकर्ता कम हैं. बीजेपी को वोट भी कम ही डालते हैं. ऐसे में किसी मुसलमान को टिकट नहीं देने का पार्टी का निर्णय सही है. बीजेपी का कहना है कि भाजपा जाति और मजहब के नाम पर सियासत नहीं करती. 

केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने बताया, बीजेपी कैडर आधारित पार्टी है. कार्यकर्ताओं की रायशुमारी और सर्वसम्मति से प्रत्याशी का फैसला लिया जाता है, जहां तक कांग्रेस के आरोपों का सवाल है वो बताएं जो मुसलमान प्रत्याशी बनाने का दावा तो करती है मगर उन्होंने विकास के नाम पर अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया है.

अल्‍पसंख्‍यक मोर्चा नाराज, प्रदेश महामंत्री बोले- किस मुंह से वोट मांगने जाएं
सूची में एक भी मुसलमान प्रत्याशी का नाम नहीं होने को लेकर भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, वहीं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ता भी मायूसी बीजेपी के 162 उम्मीदवारों की सूची में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं देने से बीजेपी अल्पसंख्यंक मोर्चा नाराज है. मोर्चे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिखकर कहा कि राजस्थान में यूपी और गुजरात मॉडल लागू नहीं करें. अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री सादिक खान ने कहा कि पार्टी से मोर्चा ने 14 सीटों पर मुस्लिम समुदाय से टिकट मांगे थे. 21 नाम भी दिए गए थे. बावजूद पिछली बार के मुकाबले इस बार टिकट बढ़ाने के बजाय एकमात्र मुस्‍लिम विधायक हबीब उर रहमान का भी टिकट काट दिया गया. अब किस मुंह से मुस्लिम समुदाय के बीच बीजेपी के लिए वोट मांगेंगे. उन्‍होंने कहा, रहमान पार्टी के समर्पित और स्वच्‍छ छवि वाले नेता हैं, जिन्हें कांग्रेस से बीजेपी में लाया गया था. सादिक खान ने यह भी कहा, पार्टी ने बात नहीं सुनी तो फिर अंदर लड़ाई लड़ेंगे. साथ ही चेताते हुए बोले, अगर पार्टी चुनाव में हारती है तो उन पर यानी मुस्लिम समुदाय पर तोहमत नहीं लगाएं.

Source : लाल सिंह फौजदार

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