उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का नतीजा समग्र चुनावी नतीजों को प्रभावित करेगा। तीसरे चरण के चुनाव में आने वाली सीटें यादव मतदाताओं का गढ़ है और पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की साइकिल इसी इलाके की मदद से लखनऊ पहुंची थी।
2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 69 में से 54 सीटों पर कब्जा किया था। लेकिन इस बार पार्टी ने जिन उम्मीदवारों का टिकट काटा है, वह निर्दलीय उम्मीदवारों के तौर पर सपा का खेल बिगाड़ने में जुटे हुए हैं।
इन उम्मीदवारों को मुलायम और शिवपाल का समर्थन हासिल है। पार्टी के मौजूदा उम्मीदवारों का टिकट काटे जाने को लेकर मुलायम सार्वजनिक तौर पर अखिलेश पर निशाना साध चुके हैं।
अखिलेश के सामने दूसरी बड़ी चुनौती बीजेपी को अपने गढ़ में सेंध लगाने से रोकने की है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी इटावा और मैनपुरी में अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी। मौजूदा चुनाव में बीजेपी की नजर इन विधानसभा सीटों पर अपना खाता खोलने की है।
पिछले लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी के मुकाबले सपा प्रदर्शन बेहतर था लेकिन पार्टी इस क्षेत्र की 52 विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाने में सफल रही थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली बढ़त ने उसकी उम्मीदों को मजबूत किया है।
और पढ़ें: बसपा की सरकार आई तो बुंदेलखंड को बनाएंगे अलग राज्य : मायावती
इटावा, कन्नौज और मैनपुरी यादवों का गढ़ माना जाता है। इसके अलावा अवध क्षेत्र के 9 जिलों में मतदान हो रहा है और इन सभी विधानसभाओं क्षेत्र में समाजवादी पार्टी को अप्रत्याशित बढ़त मिली थी।
मुलायम सिंह यादव परिवार में चल रही उठापटक की वजह से इस क्षेत्र में समाजवादी पार्टी की संभावनाओं को नुकसान होने की आशंका जाहिर की जा रही थी लेकिन अब अखिलेश के कमान संभाले जाने के बाद स्थिति संभलती नजर आ रही है। इटावा और मैनपुरी में अखिलेश यादव कुल 7 जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं।
सपा और कांग्रेस गठबंधन के मुकाबले सीधी लड़ाई का दावा करने वाली बीजेपी ने इन इलाकों में कई दिग्गज उम्मीदवारों को टिकट दिया है। पार्टी ने दूसरे दलों के कई मौजूदा विधायकों को अपना उम्मीदवार बनाया है।
वहीं अखिलेश यादव ने इस बार कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। तीसरे चरण का चुनाव अखिलेश के लिए बेहद चुनौती भरा हुआ है। पार्टी के जिन उम्मीदवारों का टिकट काटा गया है, उनमें से कई उम्मीदवार निर्दलीय मैदान में उतरकर पार्टी का खेल बिगाड़ने में लगे हुए हैं।
और पढ़ें:तीसरे चरण के लिए 69 सीटों पर चुनाव जारी, 826 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर
HIGHLIGHTS
- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का नतीजा समग्र चुनावी नतीजों को प्रभावित करेगा
- तीसरे चरण के चुनाव में अखिलेश यादव के सामने बड़ी चुनौती बागी उम्मीदवार और बीजेपी है
- पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी इटावा और मैनपुरी में अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी
Source : Abhishek Parashar