जानें राघोपुर से तेजस्वी को टक्कर देने वाले सतीश यादव के बारें में
आज यानि 10 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम आएगा. मंगलवार सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी. 243 सीट वाले बिहार विधानसभा का चुनाव तीन चरणों में 28 अक्टूबर (71 सीटों), 3 नवंबर (94 सीटों) और 7 नवंबर (78 सीटों) को संपन्न हुआ था.
राघोपुर:
आज यानि 10 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम आएगा. मंगलवार सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी. 243 सीट वाले बिहार विधानसभा का चुनाव तीन चरणों में 28 अक्टूबर (71 सीटों), 3 नवंबर (94 सीटों) और 7 नवंबर (78 सीटों) को संपन्न हुआ था. बिहार में हुए विधानसभा चुनाव के कई एक्जिट पोल के नतीजों में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन की जीत की संभावना जताई गई है.
बिहार विधानसभा का हॉट राघोपुर सीट से महागठबंधन के सीएम चेहरा और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव मैदान में हैं. वहीं एनडीए की तरफ से बीजेपी के उम्मीदवार सतीश कुमार यादव हैं. इस सीट पर सबकी नजर खास बनी हुई हैं. ऐसे में हम यहां सतीश कुमार यादव के बारे में जानेंगे.
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इस सीट पर हमेशा से यादव का प्रभुत्व रहा है इसलिए इसको आरजेडी का गढ़ माना जाता है. इस सीट पर लालू परिवार का राज रहा है. हालांकि 2010 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हार झेलनी पड़ी थी. जेडीयू के टिकट पर सतीश यादव ने राबड़ी देवी को मात देने में सफल रहे थे. साल 2015 में राघोपुर विधानसभा सीट से अपना पहला चुनाव लड़ रहे तेजस्वी ने बड़ी जीत हासिल की थी. तेजस्वी को 91,236 वोट मिले, जबकि प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सतीश कुमार को 68503 वोट मिले थे.
राघोपुर विधानसभा चुनाव के इतिहास में आज तक कमल नहीं खिल सका है. 2010 में जदयू के टिकट पर राबड़ी देवी को हराकर चुनाव जीतने वाले सतीश कुमार को 2015 के चुनाव में जेडीयू ने टिकट नहीं दिया था. उस समय महागठबंधन में तेजस्वी प्रसाद यादव को उम्मीदवार बनाया गया था. तब यहां से बीजेपी ने सतीश को तेजस्वी के मुकाबले चुनावी मैदान में उतारा था. लेकिन सतीश को हार का सामना करना पड़ा.
राघोपुर विधानसभा सीट 1995 में तब चर्चा में आई, जब आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने इसे अपना क्षेत्र चुना. लालू यादव ने 1995 और 2000 में यहां से जीत दर्ज की थी. उसके बाद उन्होंने ये सीट अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सौंप दी. राबड़ी देवी यहां से 2005 का चुनाव जीतीं. हालांकि 2010 में उन्हें राघोपुर में हार का सामना करना पड़ा. लालू परिवार को यह सीट 1980 से 1995 तक लगातार 3 बार से विधायक रहे समाजवादी उदय नारायण राय उर्फ भोला राय ने दी थी. इसके बाद से लालू परिवार की परंपरागत सीट बन गई. ऐसे में अगर इस सीट से सतीश कुमार यादव जीतते हैं तो ये बीजेपी के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी.
बिहार की राघोपुर सीट यादव का गढ़ माना जाता है. आरजेडी के तेजस्वी यादव और बीजेपी के सतीश कुमार दोनों यादव समुदाय से हैं. इस तरह से आरजेडी और बीजेपी दोनों की नजर यादव मतों पर है. इसके अलावा यहां करीब साठ हजार राजपूत और दलित मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है. हालांकि, 15 फीसदी मुस्लिम और अति पिछड़ा वोटर सबसे अहम भूमिका में हैं.
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