कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि बिहार की जनता भाजपा एवं जदयू के ‘कुशासन’ से छुटकारा चाहती है और महागठबंधन सकारात्मक एजेंडे के साथ चुनाव मैदान में उतरेगा. कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने उम्मीद जताई कि जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए समान विचारधारा वाले सभी दल इस चुनाव में भाजपा-जदयू के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे.
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को बिहार में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की. विधानसभा चुनाव के लिए तीन चरणों में, 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को, मतदान होगा जबकि सभी चरणों के लिए मतगणना 10 नवंबर को होगी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग ने बिहार की जनता को भाजपा-जदयू के कुशासन से मुक्ति की तिथियों की घोषणा की है. हम इसका स्वागत करते हैं. राज्य की जनता इस कुशासन से छुटकारा चाहती है. बिहार में चुनाव जनता के मुद्दों और कुशासन के बीच है.
गोहिल के मुताबिक, नीति आयोग ने कहा है कि सतत् विकास में बिहार सबसे निचले पायदान पर है. उन्होंने दावा किया कि कोरोना महामारी से निपटने में बिहार की सरकार पूरी तरह विफल रही है. देश के विकास की नीव रखने वाले बिहार के श्रमिकों को संकट के समय भगवान भरोसे छोड़ दिया गया. कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 1.20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन आरटीआई में खुलासा हुआ है कि इस पैकेज का एक रुपये नहीं दिया गया.
उन्होंने उम्मीद जताई है कि बिहार में कांग्रेस और गठबंधन की सरकार बनेगी. हम सकारात्मक एजेंडे के साथ जनता के बीच जाएंगे. 2015 के चुनाव में भी हमारा स्ट्राइक रेट अच्छा था. इस बार भी हम और हमारे साथी मिलकर सरकार बनाएंगे. महागठबंधन के घटक दलों के बीच खींचतान के बारे में पूछे जाने पर गोहिल ने कहा कि हमारी बातचीत चल रही है. बिहार की जनता बदलाव चाहती है और वो चाहती है कि हम सब मिलकर चुनाव लड़े हैं. जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए समान विचारधारा वाली पार्टियां साथ लड़ेंगी.
मुख्यमंत्री पद के चेहरे से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि हम साथ बैठकर तय करेंगे और जो भी गठबंधन के हित में होगा वो फैसला लिया जाएगा.
Source : Bhasha