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BJP के लिए भबानीपुर विधानसभा सीट का किला भेद पाना है असंभव, ममता हैं विधायक

इस सीट पर बीजेपी को अपना परचम लहराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा. अगर बीजेपी इस सीट पर अपना परचम लहराने में सफल हो जाती है तो समझो पश्चिम बंगाल चुनाव में उसकी फतह कोई भी नहीं रोक सकता है.

Updated on: 23 Dec 2020, 05:14 PM

भबानीपुर:

भबानीपुर विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा है. चूंकि इस विधानसभा सीट से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद चुनाव लड़ती हैं इसलिए इस सीट की महत्ता और भी बढ़ जाती है. अगर टीएमसी पश्चिम बंगाल में ये सीट हार जाती है तो फिर ममता बनर्जी के राजनैतिक करियर पर सवाल उठना शुरू हो जाएगा. इस लिहाज से ये सीट सत्तारूढ़ टीएमसी के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. इस सीट पर बीजेपी को अपना परचम लहराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा. अगर बीजेपी इस सीट पर अपना परचम लहराने में सफल हो जाती है तो समझो पश्चिम बंगाल चुनाव में उसकी फतह कोई भी नहीं रोक सकता है.

आपको बता दें कि साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुल दो लाख पांच हजार सात सौ तेरह (205713) मतदाता हैं. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में भबानीपुर विधानसभा सीट से कुल एक लाख सैंतीस हजार चार सौ पिचहत्तर (137475) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. पश्चिम बंगाल की इस विधानसभा सीट पर 54.71 फीसदी पुरुष मतदाता हैं, जबकि 45.29 फीसदी महिला मतदाता हैं.

टीएमसी की मुखिया यानि कि ममता बनर्जी भबानीपुर विधानसभा से मौजूदा विधायक हैं. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता दीदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार दीपदास मुन्शी को 25301 वोटों से करारी शिकस्त दी थी. तीसरे नंबर पर बीजेपी कैंडिडेट चंद्र कुमार बोस थे जिन्हें 26299 वोट मिले थे.  

बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है, मुकुल रॉय, शुभेन्दु अधिकारी सहित टीएमसी के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इस लिहाज से अब जनता ही पश्चिम बंगाल की सियासत का परिणाम बताएगी. 

साल 2016 में ऐसी रही वोटिंग
भबानीपुर विधानसभा सीट पर साल 2016 में में कुल 66 फीसदी मतदान हुआ था. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के को 25301 वोटों के भारी अंतर से हराया था. आपको बता दें कि भबानीपुर विधानसभा सीट कोकराझार के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से निर्दल सांसद नाबा कुमार सारानियां संसद पहुंचें हैं. उन्होंने बोडोलैंड पीपुल फ्रंट के प्रमिला रानी ब्रम्हा को 37786 वोटों से करारी शिकस्त दी थी.