logo-image

क्या BJP TMC से छीन लेगी बल्लीगंज विधानसभा सीट, पढ़ें इस सीट का इतिहास

बल्लीगंज विधानसभा सीट मौजूदा समय सत्तारूढ़ दल टीएमसी के हाथों में है. सुब्रत मुखर्जी ने पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए बल्लीगंज विधानसभा सीट से अपने निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी कृष्ण देबनाथ को 15,225 मतों से करारी शिकस्त

Updated on: 23 Dec 2020, 10:04 PM

बल्लीगंज:

बल्लीगंज विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल बेहद महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है. इस विधानसभा सीट से मौजूदा टीएमसी के सुब्रत मुखर्जी जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. सुब्रत मुखर्जी ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में अपने निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी कृष्ण देबनाथ को करारी शिकस्त दी थी.

आपको बता दें कि साल 2016 में हुए बल्लीगंज विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुल दो लाख इकतालिस हजार उन्यासी (241079) मतदाता हैं. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में बल्लीगंज विधानसभा सीट से कुल एक लाख तिरपन हजार नौ सौ पचास (153950) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. पश्चिम बंगाल की इस विधानसभा सीट पर 54.52 फीसदी पुरुष मतदाता हैं, जबकि 45.48 फीसदी महिला मतदाता हैं.   

बल्लीगंज विधानसभा सीट मौजूदा समय सत्तारूढ़ दल टीएमसी के हाथों में है. सुब्रत मुखर्जी ने पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए बल्लीगंज विधानसभा सीट से अपने निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी कृष्ण देबनाथ को 15,225 मतों से करारी शिकस्त दी थी, वहीं इस चुनाव में तीसरे नंबर पर 20,622 वोटों के साथ बीजेपी कैंडिडेट जीबन कुमार सेन थे जबकि यहां पर भी 3,433 वोटों के साथ चौथे स्थान पर नोटा रहा. 

साल 2016 में ऐसी रही वोटिंग
बल्लीगंज विधानसभा सीट पर साल 2016 में में कुल 64 फीसदी मतदान हुआ था. साल 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के कृष्ण देबनाथ को 15,225 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. विधानसभा सीट कोलकाता दक्षिण के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं माला रॉय, जो ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के चंद्र कुमार बोस को 155192 से हराया था.

बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है, मुकुल रॉय, शुभेन्दु अधिकारी सहित टीएमसी के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इस लिहाज से अब जनता ही पश्चिम बंगाल की सियासत का परिणाम बताएगी.