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Bihar Election Result 2020: बाबूबरही से जेडीयू की मीना कामत को मिली जीत

विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपनी पार्टी के प्रचार और संगठन को मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. ऐसे में देखना होगा कि इस बार बिहार की जनता किसे सत्ता पर बैठाएगी और किसे बाहर का रास्ता दिखाएगी. लेकिन उससे पहले हम बाबूबरही विधानसभा सीट के बारे

Updated on: 10 Nov 2020, 07:05 PM

बाबूबरही:

Bihar Election Result 2020: बाबूबरही से जेडीयू की मीना कामत को मिली जीत. साल 2020 बिहार की जनता और यहां के नेताओं के लिए अहम साल हैं.  इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टीयों ने पूरी तरह कमर कस ली हैं. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपनी पार्टी के प्रचार और संगठन को मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. ऐसे में देखना होगा कि इस बार बिहार की जनता किसे सत्ता पर बैठाएगी और किसे बाहर का रास्ता दिखाएगी. लेकिन उससे पहले हम बाबूबरही विधानसभा सीट के बारे में जानेंगे.

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जानें बाबूबरही विधानसभा सीट के बारें में

बाबूबरही विधानसभा सीट, बिहार की 243 विधानसभाओं में से एक है. यह सीट मधुबनी जिले के अंतर्गत आती है. इस सीट से जनता दल यूनाइटेड के दिग्गज नेता और बिहार पंचायती राज मंत्री कपिल देव कामत यहां से विधायक हैं. कोरोना वायरस के कारण इनकी मौत 16 अक्टूबर को हो गई. पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत कपिलदेव कामत कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. इसके बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था.

बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कपिलदेव कामत का निधन जनता दल यूनाइटेड के लिए एक बड़ा झटका है. कपिलदेव कामत को नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है और यही वजह है कि इस बार नीतीश की पार्टी ने कामत की बेटी को भी चुनावी मैदान में उतारा है. कपिलदेव कामत की बेटी मीना कामत को जदयू ने मधुबनी की बाबीबरही सीट से उम्मीदवार बनाया है.

बाबूबरही विधानसभा सीट पर 1977 में पहली बार वोटिंग हुई. तब जेएनपी से देव नारायण यादव पहली बार विधायक चुने गए. उन्होंने कांग्रेस  प्रत्याशी महेंद्र नारायण झा को चुनावी समर में मात दी थी. फिर 1980 के चुनाव में महेंद्र नारायण झा चुनाव जीते और जनता पार्टी के देव नारायण यादव को हरा दिया. फिर 1985 में गुणानंद झा इस सीट से जीते. 

साल 2015 के चुनाव में इस विधानसभा सीट से महागठबंधन बनाम राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) की लड़ाई थी. कपिल देव कामत तब महागठबंधन का हिस्सा थे और उन्होंने एनडीए प्रत्याशी बिनोद कुमार सिंह को पटखनी दी थी. बिनोद कुमार सिंह लोक जनशक्ति पार्टी से चुनावी समर में उतरे थे. एलजीपी एनडीए का हिस्सा थी. जहां जेडीयू को 61,486 वोट मिले, वहीं एलजेपी को 41,219 वोट हासिल हुए थे. 

वहीं 2010 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी उमाकांत यादव ने कपिलदेव कामत को चुनवा में हराया था. तब उमाकांत यादव को 51,772 मत पड़े थे, वहीं कपिल देव कामत को 46,859 वोट मिले थे.