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प. बंगाल की अमता विधानसभा सीट पर मचेगा घमासान, जानिए पूरा सियासी हाल

ऑल इंडिया कांग्रेस से असित मित्रा ने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के तुषार कांति सिल को कांटे की टक्कर देते हुए 4,504 वोटों के मामुली अंतर से शिकस्त दी थी. वहीं इस चुनाव में तीसरे नंबर पर 11,045 वोटों के साथ बीजेपी के प्रत्याशी सुमन सरकार रहीं. 

Updated on: 04 Mar 2021, 04:58 PM

कोलकाता:

अमता विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में आती है. साल 2016 में अमता विधानसभा सीट पर कुल 80 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2016 में ऑल इंडिया कांग्रेस से असित मित्रा ने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के तुषार कांति सिल को कांटे की टक्कर देते हुए 4,504 वोटों के मामुली अंतर से शिकस्त दी थी. अमता विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है. यह विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल में हावड़ा के अंतर्गत आती है.  आपको बता दें कि साल 2016 में हुए अमता विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में कुल  2,36,567 मतदाता थे.

साल 2016 के विधानसभा चुनाव में अमता विधानसभा सीट से कुल दो लाख छत्तीस हजार पांच सौ सड़सठ ( 2,36,567) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. पश्चिम बंगाल की इस विधानसभा सीट पर 1,24,253 पुरुष मतदाताओं ने अपने मतदान का उपयोग किया था जबकि 1,12,313 महिला मतदाताओं ने अपने वोट का प्रयोग किया था. अमता विधानसभा सीट मौजूदा समय ऑल इंडिया कांग्रेस के हाथों में है. ऑल इंडिया कांग्रेस से असित मित्रा ने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के तुषार कांति सिल को कांटे की टक्कर देते हुए 4,504 वोटों के मामुली अंतर से शिकस्त दी थी. वहीं इस चुनाव में तीसरे नंबर पर 11,045 वोटों के साथ बीजेपी के प्रत्याशी सुमन सरकार रहीं. 

साल 2016 में ऐसी रही वोटिंग
अमता विधानसभा सीट पर साल 2016 में में कुल 80 फीसदी मतदान हुआ था. 2016 में ऑल इंडिया कांग्रेस से असित मित्रा ने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के तुषार कांति सिल को कांटे की टक्कर देते हुए 4,504 वोटों के मामुली अंतर से शिकस्त दी थी. अमता विधानसभा सीट हावड़ा जिले के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के प्रसून बनर्जी सांसद हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के रंतिदेव सेन गुप्ता को 103695 से हराया था.

बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है, मुकुल रॉय, शुभेन्दु अधिकारी सहित टीएमसी के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इस लिहाज से अब जनता ही पश्चिम बंगाल की सियासत का परिणाम बताएगी.